हालिया विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पहले की ही तरह 'आत्ममंथन' की बात कर रहे हैं राहुल गांधी

हालिया विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पहले की ही तरह 'आत्ममंथन' की बात कर रहे हैं राहुल गांधी

विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी के पुनरुद्धार के लिए ढांचागत तथा संगठनात्मक स्तर पर बदलाव ज़रूरी हैं...

नई दिल्ली:

एक महीने से भी कम समय पहले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पूरी तरह साफ हो चुकी, और दो अन्य राज्यों में 'सबसे बड़ी' पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से 'हार' गई कांग्रेस 'आत्ममंथन' कर रही है... कांग्रेस के संदर्भ में 'आत्ममंथन' शब्द को पिछले कुछ सालों में बार-बार सुना जाता रहा है, क्योंकि वह एक के बाद एक कई राज्यों में हारती चली आ रही है, लेकिन पिछले महीने घोषित पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद कई पार्टी नेताओं ने आवाज़ उठाई और कांग्रेस की 'पुनरुद्धार योजना' के बारे में जानना चाहा...

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी सूत्रों ने NDTV को बताया कि पार्टी के भीतर उन राज्यों के नेताओं से बातचीत किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं... लगातार मिलती आ रही इन हारों को लेकर पार्टी अध्यक्ष के पुत्र तथा पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठते आ रहे हैं, लेकिन अब उनका कहना है, "हम लोगों ने आत्ममंथन शुरू कर दिया है, और जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा..."

सोनिया तथा राहुल गांधी दिल्ली में ही रहे हैं, और उन्होंने संसद की कार्यवाही में भाग भी लिया है - सोनिया गांधी विधानसभा चुनाव परिणामों के तुरंत बाद इलाज के लिए विदेश गई थीं, और लौट भी आईं - लेकिन विधानसभा चुनाव परिणामों का आकलन करने के लिए कांग्रेस की शीर्ष निर्णायक संस्था पार्टी कार्यसमिति की कोई बैठक अब तक नहीं हुई है...

विधानसभा चुनाव परिणामों के तुरंत बाद राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी के पुनरुद्धार के लिए ढांचागत तथा संगठनात्मक स्तर पर बदलाव ज़रूरी हैं, लेकिन इसके बाद उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की...

बीजेपी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने में कांग्रेस के नाकाम रहने के बाद से राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं, और उन पर यह भी आरोप लगता रहा है कि वह जनता से जुड़ने में नाकाम रहे हैं...

गोवा में, कांग्रेस द्वारा ज़्यादा सीटें जीतने के बावजूद छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के समर्थन से बीजेपी द्वारा सरकार बना लिए जाने के बाद कांग्रेस को छेड़ देने वाले एक वरिष्ठ नेता विश्वजीत राणे ने कहा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 20 सीटें ही जीत पाएगी... गौरतलब है कि वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जो उसके इतिहास का सबसे बुरा प्रदर्शन रहा था...

गोवा में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जाते रहे राणे ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में पार्टी की दशा के लिए राहुल गांधी को ज़िम्मेदार ठहराया... गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के पुत्र विश्वजीत ने इंटरव्यू में कहा था, "पार्टी के पास एक गैर-गंभीर नेता हैं - राहुल गांधी... वह उस राज्य की जनता के प्रति गंभीर नहीं हैं, जो आपको जनादेश देती है, वह सरकार गठन को लेकर गंभीर नहीं हैं... यहां तक कि उन तक पहुंचा भी नहीं जा सकता... किसी भी पार्टी की तरक्की के लिए नेता की गंभीरता बेहद अहम होती है..."

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सूपड़ा साफ कर दिया था, और मणिपुर और गोवा में वह कांग्रेस से पीछे रही थी, हालांकि इन दोनों राज्यों में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हो पाया था... लेकिन इन चारों राज्यों में ही बीजेपी ने सरकार गठित कर ली, और कांग्रेस को सिर्फ पंजाब में सरकार बनाकर ही संतोष करना पड़ा, जहां मिली शानदार जीत का श्रेय दिग्गज पार्टी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया गया...


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