राज वडगामा ने स्वतंत्रता दिवस से गणतंत्र दिवस तक दौड़ लगाकर जीता देश का दिल

मुंबई:

स्वतंत्रता दिवस पर शुरू हुई दौड़ गणतंत्र दिवस पर गेटवे ऑफ इंडिया के सामने ख़त्म हुई। पेशे से इंटीरियर डिज़ायनर राज वडगामा ने लगभग साढ़े पांच महीने में 10,000 किलोमीटर की दौड़ पूरी की, देश के 17 राज्य, 70 शहर और कई गांवों से उनका कारवां गुजरा।

मुंबई के गोरेगांव में रहने वाले राज वडगामा ने पहले मैराथन को शौक़ के रूप में अपनाया, बाद में ये शौक़ जुनून में तब्दील हो गया, इसी जुनून से भारथॉन की परिकल्पना निकली। चार महीने में रोज़ाना वह लगभग 85 किलोमीटर दौड़ कर रिकॉर्ड बनाना चाहते थे, लेकिन ख़राब तबीयत की वजह से दौड़ पांच महीने से लंबी खिंच गई और राज रिकॉर्ड से चूक गए लेकिन उन्हें इस बात का मलाल नहीं है। दौड़ ख़त्म करने के बाद उन्होंने कहा, उन्हें पूरे देश का समर्थन मिला और ये दौड़ उन्हीं के नाम समर्पित है। राज ने ये भी कहा कि वो अपनी दौड़ के जरिये युवाओं को दौड़ और फिटनेस के प्रति जागरूक करना चाहते हैं।

राज की मुहिम में उनके साथ एक टीम थी, जिसमें एक कॉर्डियोलॉजिस्ट और फीज़ियोथेरेपिस्ट भी शामिल थे। राज अब तक कई मैराथन, हाफ-मैराथन और अल्ट्रा-मैराथन में भाग ले चुके हैं। राज का मकसद चार महीने में 10,000 किलोमीटर दौड़कर रिकॉर्ड बनाने का था, लेकिन रास्ते में तबीयत ख़राब होने की वजह से हर दिन वो 60 किलोमीटर ही दौड़ सके।

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गिनीज़ बुक में फिलहाल फ्रांस के सर्ज गेराल्ड के नाम इस तरह का गिनीज रिकॉर्ड है, जिन्होंने एक साल में 27 हजार किमी की दौड़ पूरी की थी।