राजस्थान : केंद्रीय मंत्री तक पहुंची सरकार गिराने की साजिश रचने की 'आंच', पायलट को राहत; सियासी संग्राम से जुड़ी 10 अहम बातें

राजस्थान का सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पालयट के खेमे ने स्पीकर के नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती देकर स्पष्ट कर दिया है कि वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

राजस्थान : केंद्रीय मंत्री तक पहुंची सरकार गिराने की साजिश रचने की 'आंच', पायलट को राहत; सियासी संग्राम से जुड़ी 10 अहम बातें

हाई कोर्ट ने बागी विधायकों पर कार्रवाई पर मंगलवार तक रोक लगाई (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: राजस्थान का सियासी घमासान (Rajasthan Crisis) थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पालयट (Sachin Pilot) के खेमे ने स्पीकर के नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती देकर स्पष्ट कर दिया है कि वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. हाईकोर्ट ने पायलट खेमे को राहत देते हुए फिलहाल कार्रवाई पर रोक लगा दी है. सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को कांग्रेस की ओर से अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस पर चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रस्तावित कार्रवाई को मंगलवार तक के लिए टाल दिया है. इस बीच, कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप जारी करके केंद्र सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर राजस्थान में अपनी सरकार के खिलाफ बागी विधायकों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है. 

राजस्थान के सियासी सग्राम से जुड़ी 10 बातें...

  1. बागी विधायकों की ओर से स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने संबंधी याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी. फिलहाल, कोर्ट ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर को सचिन पायलट समेत अन्य बागी विधायकों पर मंगलवार तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. 

  2. पायलट खेमे की ओर से वकील हरीश साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिये अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते और नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है. पायलट खेमे का पक्ष साल्वे और मुकुल रोहतगी रख रहे हैं जबकि अभिषेक मनु सिंघवी दूसरे पक्ष की ओर से दलीलें पेश कर रहे हैं. 

  3. यदि बागी विधायकों को अयोग्‍य घोषित किया जाता है तो बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की संख्‍या का आंकड़ा कम हो जाएगा. इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राह और आसान हो जाएगी क्‍योंकि उन्‍हें 'सामान्‍य स्थिति' की तुलना में और कम विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

  4. इस बीच, कांग्रेस ने बीजेपी पर एक बार फिर राजस्थान की गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश रचने का  आरोप लगाया है. कांग्रेस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में ऑडियो टेप की ट्रांसस्क्रिप्ट को पढ़कर सुनाया. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि ऑडियो टेप में यह आवाजें शेखावत और बागी विधायक भंवर लाल शर्मा एवं संजय जैन की हैं. 

  5. कांग्रेस की ओर से कुछ ऑडियो टेप की बात सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एसओजी ने संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है.

  6. वहीं, कांग्रेस ने सचिन पायलट का साथ देने वाले बागी विधायकों भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके पहले विश्वेंद्र सिंह कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, पिछले मंगलवार को पार्टी ने उनसे कैबिनेट मंत्री का पद भी छीन लिया था.

  7. ऑडियो टेप आने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सफाई दी गई है. शेखावत ने ऑडियो क्लिप में अपनी आवाज़ होने से ही इनकार किया है. उन्होंने कहा कि 'ऑडियो रिकॉर्डिंग में मेरी आवाज़ नहीं हैं. मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं.' 

  8. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट लगातार खुद को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे और जब तक उनकी यह मांग मान नहीं ली जाती, उन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने तक से इनकार कर दिया.

  9. बता दें कि राजस्‍थान में सियासी संकट उस समय शुरू हुआ जब विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच कर रही एसओजी ने सचिन पायलट को पूछताछ के लिए बुलाया. इसके बाद सचिन पायलट और उनके खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए थे. 

  10. कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि पायलट विधायकों को लेकर वापस जयपुर आएं और पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी बात रखे. कांग्रेस की विधायक दल की दो बैठकों से भी पायलट और उनके समर्थक दूर रहे. जिसके बाद पार्टी ने पायलट के खिलाफ सख्‍त रुख अपनाते हुए उप मुख्‍यमंत्री और राज्‍य कांग्रेस अध्‍यक्ष के पद से बर्खास्‍त कर दिया था. उनके दो विश्‍वस्‍तों को भी मंत्री पद से हटा दिया गया था.