राजस्‍थान संकट: सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस ने कहा, 'वे ऐसे स्‍थान तक पहुंचे जहां से वापसी संभव नहीं'

कांग्रेस ने कहा, एक इस बात का संकेत है कि कांग्रेस की सरकारों को अस्थिर करने वाले बागियों का बीजेपी सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है. करीब तीन माह पहले बीजेपी ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की मदद से मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार को भी गिरा चुकी है.

राजस्‍थान संकट: सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस ने कहा, 'वे ऐसे स्‍थान तक पहुंचे जहां से वापसी संभव नहीं'

नई दिल्ली:

Rajasthan Political crisis: कांग्रेस (Congress) ने राजस्‍थान में बागी तेवर अपना रहे सचिन पायलट (Sachin Pilot) को लेकर कमेंट करते हुए कहा है, "वे ऐसे स्‍थान तक पहुंच गए है जहां से वापसी संभव नहीं.'' पायलट और उनके समर्थक बागी विधायकों द्वारा पार्टी को हाईकोर्ट में ले जाने के बाद यह टिप्‍पणी की गई है. 'टीम पायलट' ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर विधानसभा स्‍पीकर द्वारा उन्‍हें दिए गए अयोग्‍यता नोटिस को चुनौती देते हुए कोर्ट की शरण ली है. पायलट और ये विधायक, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं पहुंचे थे. हाईकोर्ट में मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे की दिग्‍गज वकील जोड़ी टीम सचिन की ओर से पैरवी कर रही है. ये दोनों वकील बीजेपी के कार्यकाल में शीर्ष 'सरकारी वकील' रह चुके हैं.

कांग्रेस ने कहा, एक इस बात का संकेत है कि कांग्रेस की सरकारों को अस्थिर करने वाले बागियों का बीजेपी सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है. करीब तीन माह पहले बीजेपी ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की मदद से मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार को भी गिरा चुकी है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस हाईकमान राजस्‍थान के संकट को टालने में हरसंभव प्रयास कर रहा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने तीन बार पायलट से फोन पर बात की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. प्रियंका के भाई राहुल गांधी ने भी इस मामले में अपनी ओर से प्रयास किए थे.

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कुछ बागी विधायक 'वापस लौटने' का इरादा रखते हैं, लेकिन वे अब उच्च न्यायालय के परिणाम की प्रतीक्षा करनी होगी. सचिन पायलट ने बुधवार को कहा था कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं, उसके बाद इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया था कि वे कांग्रेस के साथ सुलह चाहते हैं. लेकिन पार्टी सूत्रों ने उनके इरादों पर संदेह जताते हुए कहा कि गुड़गांव के होटल में अतिरिक्त कमरे बुक किए गए हैं, जहां बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं.

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सूत्रों ने कहा कि उनके पास यह संदेह करने का कारण है कि पायलट अपने पक्ष में कुछ और विधायकों को करने के लिए समय चाहते हैं और उनका लक्ष्‍य 30 की संख्‍या तक पहुंचने का है. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के 73 विधायक हैं जबकि किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 101 के आंकड़े की जरूरत है. मुख्यमंत्री गहलोत का दावा है कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है हालांकि टीम पायलट ने इस दावे को नकारा है टीम पायलट का तर्क है कि सीएम अशोक गहलोत के पास उनके दावे की तुलना में बहुत कम विधायक हैं