राजस्थान का सियासी संग्राम: इन 10 प्वाइंट्स से समझिए HC के फैसले से क्या होगा और क्या नहीं?

Rajasthan Crisis: राजस्थान का सियासी संग्राम (Sachin Pilot vs Ashok Gehlot) कई पड़ावों से होते हुए हाईकोर्ट (Rajasthan HC) की चौखट पर पहुंचा है.

राजस्थान का सियासी संग्राम:  इन 10 प्वाइंट्स से समझिए HC के फैसले से क्या होगा और क्या नहीं?

चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता सुनाएंगे फैसला.

जयपुर: Rajasthan Crisis: राजस्थान का सियासी संग्राम (Sachin Pilot vs Ashok Gehlot) कई पड़ावों से होते हुए हाईकोर्ट (Rajasthan HC) की चौखट पर पहुंचा है. बुधवार को हुई पिछली सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट ने बागियों को फौरी राहत देते हुए पर स्पीकर द्वारा किसी तरह का एक्शन पर रोक लगा दी थी. रोक लगने के स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उच्चतम न्यायलय ने भी हाईकोर्ट के फैसले को टालने से इनकार कर दिया. ऐसे में अब सबकी निगाहें आज के फैसले पर टिकी हुई हैं. आज के फैसला कई मायनों में अहम है. जिसे समझने के लिए इन बातों को समझना जरूरी है.

राजस्थान हाईकोर्ट तय करेगा ये बातें

  1. चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता सुनाएंगे फैसला.

  2. राजस्थान हाईकोर्ट आज के फैसले से यह तय कर सकता है कि स्पीकर द्वारा सचिन पायलट और 18 विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस वैध हैं या नहीं. इन नोटिस को रद्द किया जाए या नहीं. 

  3. राजस्थान हाईकोर्ट के सामने मुद्दा यह भी है कि क्या शिकायत मिलने के बाद क्या स्पीकर अपने विवेक के इस्तेमाल किए बिना नोटिस जारी कर सकता है. 

  4. राजस्थान हाईकोर्ट यह भी देखेगा कि क्या स्पीकर ने सिर्फ तीन दिन देकर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन किया है. 

  5. राजस्थान कोर्ट तय करेगा कि क्या स्पीकर सदन के बाहर की गई टिप्पणियों पर भी नोटिस जारी किया जाना सही है या नहीं. 

  6. इसके साथ ही दलबदल विरोधी कानून दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1) (a) के प्रावधान की वैधता की जांच भी हाईकोर्ट करेगा. इस कानून के तहत विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है अगर वे स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ देते हैं. 

  7. राजस्थान हाईकोर्ट यह भी तय कर सकता है कि क्या यह प्रावधान बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. या फिर क्या पार्टी के आंतरिक विवाद के चलते अयोग्यता की जा सकती है. 

  8. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन कहा कि हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होगा. 

  9. राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर जहां सबकी निगाहें टिकी हुई हैं तो वहीं दूसरी तरफ CM गहलोत ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत है और जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने पर विचार कर रहे हैं. 

  10. सियासी घमासान के बीच सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी. जहां उन्होंने अपनी सरकार गिराए जाने की साजिश रची जाने की बात कही. अपने पत्र में सीएम गहलोत ने लिखा कि राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं.