बिहार : 2 रुपये के सिक्के से लूट ली राजधानी एक्सप्रेस, पूढ़ें पूरा मामला

बिहार : 2 रुपये के सिक्के से लूट ली राजधानी एक्सप्रेस, पूढ़ें पूरा मामला

2 रुपये के सिक्के से राजधानी एक्सप्रेस लूटी

खास बातें

  • अंगूठी के हीरे को नग समझकर फेंका, पुलिस ने बरामद किया
  • लुटरों ने 19 हजार रुपये की नकदी को आपस में बांट लिया
  • लूटपाट की तस्वीरें मोबाइल में हुई थीं कैद
नई दिल्ली:

देश में बुलेट ट्रेन पर काम शुरू हो चुका है. कई रेल सुविधाओं को बहाल किया जा चुका है, लेकिन कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो सोचने को मजबूर कर देती हैं. दरअसल, एक शख्स में धड़धड़ाती हुई राजधानी एक्सप्रेस को सुनसान जगह पर महज 2 रुपये के सिक्के से रोककर लूट लिया. सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगता है, लेकिन ऐसा हुआ है. पटना के रेल आरक्षी अधीक्षक जितेंद्र मिश्र ने बताया कि रेलवे की कमजोर सिग्नल प्रणाली में अपराधी सेंध लगाकर महज एक सिक्के से ही ट्रेन कहीं भी रोक रहे हैं और यह बात राजधानी एक्सप्रेस में हुई लूट से साबित हो रही है. इस  लूटकांड में शामिल चार लुटेरों को पुलिस ने बक्सर के अलग-अलग जगहों से धर दबोचा है. पकड़े गए लुटेरों के पास से लूट के आभूषण और नकदी की बरामदगी हुई. लुटेरों की निशानदेही पर दो और लोगों पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है.  पूछताछ के दौरान लुटेरों ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस के ए-1, बी-7 व बी-8 में सो रहे यात्रियों से लूटपाट की थी, जिसमें 19 हजार रुपये नकदी तथा सोने के आभूषण, घड़ी, अंगूठी, मोबाइल और पर्स शामिल थे. ट्रेन से उतरने के बाद लुटेरों ने 19 हजार रुपये को आपस में बांट लिया था. इसके बाद सभी अपने घर के लिए अलग-अलग रवाना हो गए. पकड़े गए लुटेरों में औद्योगिक थाना क्षेत्र के पालापुर निवासी चंदन वर्मा उर्फ ठेकुआ, करमन टोली बक्सर निवासी के राजा मियां, जज कॉलोनी निवासी फतेह हुसैन तथा औद्योगिक थाना क्षेत्र के पडरी गांव निवासी ओमप्रकाश राम उर्फ सावंत शामिल हैं. इनकी निशानदेही पर दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इनके पास से एक बाइक भी बरामद की है.

राजधानी एक्सप्रेस लूटकांड का मास्टर माइंड राजा मियां है. यह ट्रेन में टिकट की दलाली के साथ-साथ ऑटो भी चलाता है. घटना की रात बक्सर से ये लोग डुमरांव पहुंचे और डुमरांव जाने के बाद वहां पर पकड़े गए चारों लुटेरों ने ट्रेन लूटने की प्लानिंग की. जिसके बाद वे ट्रेन से गहमर स्टेशन पहुंचे. जांच में लगे अधिकारियों की मानें तो लूटकांड के सरगना राजा मियां ने पहले से ही तय कर लिया था कि कहां पर ट्रेन में डकैती करनी है. राजा को राजधानी एक्सप्रेस के गहमर सिग्नल से 3 बजकर 30 मिनट पर गुजरने की पूरी जानकारी थी. उसके बाद वहां हथियार आदि लेकर सभी पहुंच गए. जैसे ही दिल्ली-पटना राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन उक्त सिग्नल को पार करने वाली थी. वैसे ही रेलवे ज्वाइंट में दो रुपए का एक सिक्का डाल दिया. जिससे सिग्नल लाल हो गया. इतने में वहां पर ज्यों ही ट्रेन आकर रुकी, सभी डकैत ट्रेन में सवार होकर डकैती और लूटपाट कर फरार हो गए.

2016 में भी सिग्नल लाल कर राजधानी को लूटने की हुई थी कोशिश
बीते वर्ष मिर्जापुर में 1 रुपये के सिक्के रखकर सिग्नल लालकर राजधानी एक्सप्रेस को लूटने की कोशिश की गई थी, जिसका खुलासा मुगलसराय जीआरपी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक त्रिपुरारी पाण्डेय ने 22 मई 2016 को करते हुए लुटेरों को जेल भेज दिया था. वह याद फिर से ताजा हो गई. इससे एक बात तो साफ हो गई कि दानापुर-मुगलसराय रेलखंड यात्रियों के लिए अब सेफ जोन नहीं रह गया है.

आधुनिक अनुसंधान से लूटकांड का हुआ खुलासा
लूटकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई. इसके साथ ही उस वक्त के मोबाइल पर आये फोन को ट्रैक किया गया. जिसमें कई नंबर ऐसे मिले जिसके बाद पुलिस ने उन नंबरों पर नजर रखनी शुरू कर दी. पुलिस को जैसे ही लूटकांड से जुड़े मामले का इनपुट मिला, पुलिस ने लोकेशन के आधार पर अपराधियों को धर दबोचा. सबसे पहले इस मामले में फतेह हुसैन की गिरफ्तारी हुई. पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ शुरू की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया.

हीरे को नग समझ फेंका कचरे में
लुटेरों ने सोने की अंगूठी में लगे हीरे को नग समझ कर फेंक दिया. जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. अंगूठी और लूट के आभूषण को बक्सर के बारी टोला निवासी कृष्णा के हाथों 20 हजार रुपये में बेच दिया. कृष्णा ने भी उसे तुरंत एक सुनार हरि को 23 हजार रुपये में बेच दिया. इस घटना के बाद से हरि फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने एक दुकान से धर दबोचा. पूछताछ के दौरान लुटेरों ने बताया कि उन्हें यह पता नहीं था कि अंगूठी के ऊपर हीरा जड़ा हुआ है.

लूटपाट की तस्वीर मोबाइल में हुई थी कैद
अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो घटनास्थल पर कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है. जिसके आधार पर पुलिस उसके गिरेबान तक पहुंच जाती है. इस मामले में भी यही हुआ. एक मोबाइल रिकॉर्डिंग मोड पर था. जिसमें सारी वारदात कैद हो गई. इस आधार पर पुलिस बक्सर तक पहुंची और मोबाइल सर्विलांस तथा आधुनिक अनुसंधान से लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया.


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