यह ख़बर 08 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मोदी सरकार की नई कैबिनेट में राजीव प्रताप रूडी और बाबुल सुप्रियो को मिल सकती है जगह

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के प्रथम मंत्रिपरिषद विस्तार में कल करीब 20 नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है जिनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर, मुख्तार अब्बास नकवी, जेपी नड्डा, राजीव प्रताप रूडी और बंडारू दत्तात्रेय को भी मंत्री पद दिया जा सकता है।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाना जहां तय माना जा रहा है, वहीं शिवसेना के एक सदस्य को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के मुद्दे पर आखिरी समय में कुछ समस्याएं सामने आती दिखाई दीं। ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में कुछ अनसुलझे मुद्दों के मद्देनजर यह समस्या सामने आई है।

सरकार में शिवसेना के किसी प्रतिनिधि को शामिल नहीं किए जा सकने के संकेतों के बीच पार्टी के प्रतिनिधि और केंद्रीय मंत्री अनंत गीते को शनिवार रात उनके पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विचार विमर्श के लिए वापस मुंबई बुला लिया है।

शिवसेना सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीते से मिलने से इनकार कर दिया। सत्ता पर काबिज होने के पांच महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपने कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल कर रहे हैं। इस कवायद में पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अभी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के जिम्मे है।

नए मंत्रियों को रविवार दोपहर 1:30 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई जाएगी। शपथ-ग्रहण समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन नेताओं को नाश्ते पर बुलाएंगे जिन्हें मंत्री बनाया जाना है। बीते मई महीने में सत्ता संभालने के बाद यह मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में पहला विस्तार और फेरदबल होगा। मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 45 मंत्री हैं, जिनमें प्रधानमंत्री सहित 23 कैबिनेट मंत्री हैं जबकि 22 राज्य मंत्री हैं। 22 राज्य मंत्रियों में से 10 के पास स्वतंत्र प्रभार है।

दलित नेता एवं पंजाब की होशियारपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए विजय साम्पला और पिछले आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर सांसद बने राजद के पूर्व नेता रामकृपाल यादव को भी मंत्री पद मिलने की संभावना है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

भाजपा के प्रमुख मुस्लिम चेहरा मुख्तार अब्बास नकवी करीब 15 साल बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में वापसी कर सकते हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री थे। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य नकवी अभी भाजपा के उपाध्यक्ष हैं।

वहीं पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रूडी भी 10 साल के अंतराल के बाद सरकार में वापसी कर सकते हैं। इसी तरह, सिकंदराबाद से चार बार के सांसद दत्तात्रेय को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके दत्तात्रेय तेलंगाना का प्रतिनिधित्व करते हैं।

आंध्र प्रदेश से तेदेपा के वाईएस चौधरी को मंत्री पद मिलने की संभावना है। उद्योगपति से नेता बने चौधरी को राज्य मंत्री का पद दिया जा सकता है। वहीं शिवसेना के मोर्चे पर, खबरों से ऐसे संकेत मिल रहे थे कि राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को मंत्री बनाया जा सकता है।

इनके अलावा जिन अन्य नेताओं को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है, उनमें भाजपा महासचिव जेपी नड्डा, उत्तराखंड से पार्टी के नेता अजय टम्टा, झारखंड से पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा, हरियाणा के जाट नेता बीरेंद्र सिंह, बिहार के भूमिहार नेता गिरिराज सिंह, राजस्थान से सोनाराम चौधरी और गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र से हंसराज अहीर और छत्तीसगढ़ से रमेश बैस के नाम शामिल हैं।

ऐसी अटकलें हैं कि कुछ मंत्रियों को अपना पद गंवाना भी पड़ सकता है, जबकि कुछ मंत्रियों को कैबिनेट रैंक में तरक्की दी जा सकती है।

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जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री के दूत और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के बारे में चर्चा है कि उन्हें योजना आयोग की जगह बनाई जा रही एक नई संस्था का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने की संभावना है।