20 लाख करोड़ के राहत पैकेज पर कैबिनेट मंत्रियों की बैठक, गाइडलाइंस और डिटेल्स पर फाइनल हो सकता है ड्राफ्ट

मीटिंग में कोरोनावायरस से प्रभावित हुई इकोनॉमी में सुधार के लिए जारी किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा होनी है. इस मीटिंग में MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की कंपनियों) की सहायता पर फोकस रहेगा.

20 लाख करोड़ के राहत पैकेज पर कैबिनेट मंत्रियों की बैठक, गाइडलाइंस और डिटेल्स पर फाइनल हो सकता है ड्राफ्ट

20 लाख करोड़ के पैकेज पर गाइडलाइन और ड्राफ्ट हो सकता है फाइनल

खास बातें

  • पिछले हफ्ते हुई थी 20 लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा
  • इस मीटिंग में MSMEs की सहायता पैकेज पर रह सकता है फोकस
  • पैकेज पर फाइनल ड्राफ्ट हो सकता है तैयार
नई दिल्ली:

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को दिल्ली में मंत्रीमंडल की एक बैठक ले रहे हैं, जिसमें कोरोनावायरस से प्रभावित हुई इकोनॉमी में सुधार के लिए जारी किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा होनी है. NDTV को सूत्रों से पता चला है कि इस मीटिंग में MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की कंपनियों) की सहायता पर फोकस रहेगा. जानकारी है कि शनिवार को ही सभी मंत्रालय इस पूरी योजना को लेकर गाइडलाइंस और दूसरी डिटेल्स पर ड्राफ्ट  तैयार कर लेंगे.

इस मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेलमंत्री पीयूष गोयल इस मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं. इसके पहले राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कई बार मंत्रीगण की बैठक हो चुकी है, इसी महीने की शुरुआत में लॉकडाउन 4.0 की गाइडलाइंस को लेकर हालिया मीटिंग हुई थी.

पिछले हफ्ते वित्तमंत्री सीतारमण ने राहत पैकेज की घोषणा के साथ बताया था कि इसके तहत 45 लाख MSMEs (जिनका टर्नओवर 31 अक्टूबर तक 100 करोड़ का टर्नओवर रहता है) को 3 लाख करोड़ का कॉलेटरल-फ्री लोन मिलेगा.

इस मीटिंग से पहले वित्तमंत्री ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि सरकार ने इकोनॉमी के अलग-अलग सेक्टरों की मदद के लिए बहुत सोच-विचारकर यह पैकेज रिलीज किया है और यह पैकेज कई विकसित देशों सहित कई दूसरे देशों के राहत पैकेज से बहुत बेहतर है.

उन्होंने कहा, ‘पैकेज रिलीज करने के पहले हमने दूसरे देशों की ओर से की गई घोषणाओं पर नजर डाली, तुलना की, देखा कि वो क्या कर रहे हैं. कई देश इस वक्त फिस्कल, मॉनेटरी, गारंटी, और लिक्विडिटी जैसे कदम उठा रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा, ‘हम भी बहुत अलग नहीं है....पैमाने अलग-अलग हो सकते हैं. विकसित देशों के पास कुछ विशेष संस्थान या व्यवस्था है, जिसके चलते वो एक पक्ष पर ज्यादा फोकस कर सकते हैं. भारत के पास कैश ट्रांसफर के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी और योजना है, जिसके चलते हम पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों के हाथ में पैसा डाल पाए हैं.'

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि दूसरे देश भी अपने केंद्रीय बैंकों के जरिए इकोनॉमी में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए कैश डालने जैसे फैसले ले रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी ऐसे ही कदम की घोषणा शुक्रवार को की थी.उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि देश की जीडीपी ग्रोथ इस वित्तवर्ष में घट जाएगी.

बता दें कि 20 लाख करोड़ का यह पैकेज केंद्र सरकार की ओर से भारत के जीडीपी का 10 फीसदी हिस्सा बताया गया है. हालांकि, विपक्ष की ओर से इस पैकेज की मुखर आलोचना की गई है. पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस लीडर पी चिदंबरम ने कहा है कि इस पैकेज में कई सेक्टरों को छोड़ दिया गया है.

वीडियो: मोदी सरकार का 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज, वित्त मंत्री ने किए ये ऐलान
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