जंतर मंतर पर धरने पर बैठे NIT के छात्रों ने कहा- झूठा बयान दे रहे हैं राजनाथ सिंह

जंतर मंतर पर धरने पर बैठे NIT के छात्रों ने कहा- झूठा बयान दे रहे हैं राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली:

जंतर मंतर पर लगे हुए बोर्ड केंद्र सरकार को याद दिला रहे हैं कि NIT श्रीनगर में पढ़ रहे छात्रों को केंद्र सरकार से क्या उम्मीदें थीं। यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र मायूस हो चुके हैं। एनडीटीवी से बात करते हुए एक छात्र ने कहा, 'राजनाथ सिंह झूठ बोल रहे हैं कि हमारे एक्जाम 26-29 मई को है। वो हमारे माइनर-2 के एक्जाम हैं। पहले वाले तो मई 8 को है और जब तक हमारी सुरक्षा को लेकर हमें आश्वासन नहीं मिलता, हम कैसे जाएं।"

छात्रों को नहीं मिला कोई आश्वासन
पिछले 15 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर करीब 100 छात्र धरने पर बैठे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इन छात्रों को कोई आश्वासन नहीं दिया है। छात्रों को सबसे ज्यादा नाराजगी केंद्रीय गृहमंत्री के संसद में दिए उस बयान से है कि यूनिवर्सिटी में सब सामान्य हो चला है और छात्र वापस पढ़ने पहुंच रहे हैं।

एक अन्य छात्र ने कहा, 'ये सब गलत है, जो छात्र वापस गए हैं, वो सिर्फ चौथे साल के छात्र हैं और उनकी संख्या बहुत कम है। क्या सरकार को दिख नहीं रहा हम यहां सड़क पर पिछले कई दिनों से बैठे है?' एक अन्य छात्र ने कहा, 'कैसे ये लोग संसद में झूठ बोलते हैं, पता नहीं।'

गृहमंत्री ने कहा- छात्र वापस NIT लौट रहे
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में मंगलवार को ये बयान दिया कि छात्र वापस NIT लौट रहे हैं, और उनके लिए मई अंत में परीक्षाएं भी करवाई जा रही हैं। धरने पर बैठे छात्रों ने कहा, हम परीक्षा तब देंगे जब सुरक्षित होंगे। अभी हमें सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है।

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छात्रों ने राहुल गांधी से मांगी मदद
केंद्र सरकार से मायूस छात्र अब विपक्ष से मदद मांग रहे हैं। मंगलवार को छात्रों ने राहुल गांधी से मुलाकात की। छात्रों ने कहा कि हमारी मांगें जायज हैं और वो (राहुल गांधी) हमारा साथ देंगे। उधर NIT छात्रों के समर्थन में जम्मू में भी प्रदर्शन हुआ। इस मुद्दे की गर्मी अलग-अलग दलों के बयानों में दिखती रही। असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि कैंपस के अंदर पुलिस कैसे गई, इसका जवाब चाहिए। जिस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू का कहना था कि जब यूनिवर्सिटी ने फोर्स मांगी तभी उन्हें दी गई, ये केंद्र का फैसला नहीं था। बहरहाल श्रीनगर में कैम्पस खुल गया है और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि छात्रों की जायज मांगों पर विचार हो रहा है।