केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: आरक्षण पर जारी विवाद के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा फिर उछाल दिया है।
अहमदाबाद में एक प्रेस कांफ्रेस में पासवान ने ये मांग उठायी। पासवान ने साफ शब्दों में कहा, "जिन प्राइवेट कंपनियों को सरकार से वित्तीय मदद मिलती है उन्हें अपने यहां आरक्षण की सुविधा देनी चाहिये।''
दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष ने ये बयान देकर आरक्षण पर जारी बहस को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन उद्योग जगत ने फौरन जवाब दे दिया। एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डी एस रावत ने एनडीटीवी से कहा, "निजी क्षेत्र में आरक्षण के सवाल पर विचार करना भी उचित नहीं है। प्राइवेट सेक्टर में नया रोज़गार खड़ा करना मुश्किल हो रहा है और कंपनियों के लिए ग्लोबल लेवल पर कम्पीट करना मुश्किल होगा।''
दरअसल इस प्रस्ताव को लेकर उद्योग जगत की अपनी चिंताएं हैं। लेकिन रामविलास पासवान इस प्रस्ताव को पीछे लेने को तैयार नहीं हैं। एनडीटीवी ने जब पासवान से उद्योग जगत के रुख के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "अगर क्लास 1 और क्लास 2 लेवल पर नौकरी नहीं दे सकते तो क्लास 3 और क्लास 4 लेवल में दें...उद्योग जगत को खुद इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए सामने आना चाहिये।''
ऐसे वक्त पर जब आरक्षण के सवाल पर RSS के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं, पासवान के बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है। अब बीजेपी इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचती दिख रही है। एनडीटीवी इंडिया ने जब जावड़ेकर से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। अब देखना अहम होगा कि सरकार आरक्षण को लेकर उठ रहे सवालों से आने वाले दिनों में कैसे निपटती है।