यह ख़बर 13 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रामदेव ने कांग्रेस पर फिर निशाना साधा

खास बातें

  • योग गुरु स्वामी रामदेव यहां सिवाया टोल प्लाजा पर पिछले 13 दिन से चल रहे भाकियू के धरना कार्यक्रम स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुये कांग्रेस पर फिर एक बार निशाना साधा।
मेरठ:

योग गुरु स्वामी रामदेव यहां सिवाया टोल प्लाजा पर पिछले 13 दिन से चल रहे भाकियू के धरना कार्यक्रम स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर फिर एक बार निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि हमसे हमारे ट्रस्ट का हिसाब मांगा जा रहा है। ट्रस्ट का हिसाब-किताब 18-20 साल का दे रखा है जिसके बाद भी हम पर सौ से ज्यादा नोटिस और 100 से ज्यादा केस कर दिए गए हैं। योग गुरु ने कहा कि अभी तक केन्द्र सरकार उन पर किसी भी तरह की अनियमितता और भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाए हैं।

उन्होंने कहा कि अंतिम सांस तक यह साबित भी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह ट्रस्टों के नाम से जितनी जमीन लेकर बैठे हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन से लेकर तमाम हजारों-लाखों करोड़ की संपत्ति इन्होंने बना रखी हैं।

उन्होंने वर्तमान केन्द्र सरकार को राजनीति का डूबता हुआ जहाज बताते हुए कहा कि यह तो खत्म हो चुकी है औेर जो इसमें सवार होगा वह भी डूबेगा। उन्होंने कहा कि ममता तो इस सरकार से धोखा खा कर ममता तोड़ चुकी है।

योग गुरु ने मुलायम सिंह और मायावती को भी इस सरकार के प्रति कठोर हो जाने की सलाह दी। मेरठ में टोल प्लाजा पर चल रहे भाकियू के आंदोलन का समर्थन करते हुए योग गुरु ने कहा कि टोल टैक्स के नाम अवैध बसूली बंद होनी चाहिए।

रामदेव ने बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि देश के करोड़ों लोगों ने देश-संस्कृति, धर्म की सेवा के लिए जो उनके ट्रस्ट को दान दिया है उसको इन्कम बता कर उस पर टैक्स लगा कर सरकार ने करोड़ों लोगों की भावनाओं और आस्थाओं पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ न्यायालय में जाएंगे। योग गुरु ने कहा कि एफडीआई काले धन की चाबी है। उन्होंने कहा कि करीब 20 लाख करोड़ रुपये एफडीआई के माध्यम से आया है। जिसमें कम से कम 80 फीसदी काला धन है। उन्होंने कहा कि एफडीआई के मूल मालिकों का पता लगना चाहिए।

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अगले लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए योग गुरू ने कहा कि इस बार किसान और हिन्दुस्तान के बारे में सोचने वाला प्रधानमंत्री बनना चाहिए। अन्ना से अलग होकर राजनीति में कदम रखने वाले अरविन्द केजरीवाल का नाम लिए बगैर योग गुरु ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 10-20 साल जमीनी स्तर पर काम करने से लोगों का भरोसा खड़ा होता है। आसान तरीके से जो लोग राजनीति में शिखर पर पहुंचना चाहते हैं उन्हें हिम्मत और धर्य रखकर पहले जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए।