यह ख़बर 17 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

इलाज के नाम पर आश्रम से 'गायब' हुआ रामपाल, कोर्ट ने 21 तारीख तक पेश करने के आदेश दिए

हिसार:

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रामपाल के ख़िलाफ़ नया वारंट जारी किया है। अब कोर्ट ने रामपाल को 21 नवंबर तक पेश करने का आदेश दिया है।

साथ ही कोर्ट ने राज्य के डीजीपी और गृह सचिव को भी पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट में राज्य के एजी ने कहा कि आश्रम में ही रामपाल छुपा है।

उधर, रामपाल के आश्रम की जांच में स्पॉटर प्लेन भी लगाए गए हैं। मंगलवार को कोर्ट में रामपाल को मिली ज़मानत रद्द करने पर सुनवाई होगी।

हिसार के संत रामपाल ने सोमवार को कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया है। आज रामपाल के सरेंडर करने का आखिरी दिन है और आज सुबह रामपाल की ओर से आए एक बयान में कहा गया है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और वे आज कोर्ट में पेश नहीं होंगे।

संत रामपाल के प्रवक्ता ने कहा है कि बाबा की तबीयत खराब हो गई है और उन्हें इलाज के लिए अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।

रामपाल के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से हरियाणा सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार पड़ी है। आज मामले की सुनवाई शुरू होने पर हरियाणा के डीजीपी ने कोर्ट से कहा कि उन्हें रामपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए।

इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति इस तरह से सामांतर सत्ता नहीं चला सकता है और कार्रवाई न करने पर आम लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा।

आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा, 'वह (रामपाल) यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि वह बीमार हैं। हम चिकित्सा प्रमाणपत्र देंगे जो उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अदालत से वे और समय तथा रामपाल की स्थिति सुधरने तक दूसरी तारीख की मांग करेंगे।

कपूर ने यह भी कहा कि बीती रात डॉक्टरों के पांच सदस्यीय बोर्ड ने रामपाल की स्वास्थ्य जांच की जिसमें तीन डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य विभाग के और दो डॉक्टर निजी अस्पताल से थे जो दिल्ली और लुधियाना से यहां आए हैं। उन्होंने कहा, 'संत रामपाल जी को पूर्ण आराम की सलाह दी गई है।' उन्होंने कहा कि वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हो सकते हैं।

अब सबकी नज़र इस बात पर है कि क्या पुलिस रामपाल को गिरफ़्तार करती है। पिछले कुछ दिनों से रामपाल के आश्रम को पुलिस ने घेरा हुआ है। वहीं, रामपाल के हज़ारों समर्थक आश्रम के बाहर जुटे हुए हैं। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी हैं।

रामपाल समर्थक उसे किसी कीमत पर गिरफ़्तार नहीं होने देना चाहते हैं। रामपाल के समर्थक आश्रम की दीवारों, छतों और उसके बाहर लाठी−डंडों से लैस हैं। ऐसे में पुलिस को रामपाल की गिरफ़्तारी में परेशानी हो सकती है।

पुलिस की ओर से बड़ी संख्या में महिला दस्ते को भी तैनात किया गया है। कोर्ट की अवमानना के मामले में रामपाल के खिलाफ गैर−ज़मानती वारंट जारी है। उसे 17 नवंबर तक कोर्ट में पेश किया जाना है।

चंडीगढ़ में बढ़ाई गई सुरक्षा
संत रामपाल के वारंट पर पुलिस के अमल करने की डेडलाइन आज ख़त्म हो रही है। इसको देखते हुए चंडीगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। पंचकुला और मोहाली से लगने वाले बॉर्डर को सील कर दिया गया है।

पुलिस पैरामिलिट्री फोर्स के जवान चारों तरफ़ तैनात हैं। बस टर्मिनल और रेलवे स्टेशन पर पुलिस तैनात है। पिछले हफ़्ते जब रामपाल के कोर्ट में पेश होने की ख़बर आई थी, उसके बाद शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी।

रामपाल के चार सुझाव

इस बीच रामपाल आश्रम के प्रशासन ने सरकार को चार विकल्प दिए हैं। उनके मुताबिक, रामपाल सोमवार सुबह तक ठीक हो गए तो वह चंडीगढ़ जाएंगे और अगर उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बयान लेने की कोशिश की जाए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आश्रम प्रशासन की मांग है कि कोर्ट रामपाल को निजी पेशी से राहत दे दे या फिर कोर्ट पुनर्विचार करें और पेशी के लिए दूसरी तारीख़ दे।

मुख्यमंत्री की अपील
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को रामपाल से शांतिपूर्ण तरीके से और बिना किसी अवरोध के खुद अदालत में पेश होने के लिए अपील करते हुए कहा था कि हर किसी को न्यायिक तंत्र की गरिमा को सर्वोच्च स्थान देना चाहिए।

पुलिस की अपील
वहां पर कैंप कर रहे हिसार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एके राव ने रामपाल के अनुयायियों को पुलिस के साथ सहयोग करने और अदालती आदेश की तामील करने को कहा था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सोमवार को सरकारी की इस दलील को खारिज कर दिया था कि रामपाल अस्वस्थ हैं और उनकी गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।

क्या है मामला

उच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के मामले में पिछले हफ्ते एक गैर जमानती वारंट जारी किया था।
जुलाई 2006 में ग्रामीणों के साथ एक झड़प के दौरान हजारों समर्थक आश्रम में जमा हो गए थे और रामपाल तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल कर दिया था। पुलिस हत्या के एक मामले में उन्हें हिरासत में लेना चाहती थी। इसके बाद 2013 में भी करोंथा गांव में उनके आश्रम पर कब्जा करना चाहा तो काफी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर घुस गए, जिसके चलते हुई झड़प में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।