यह ख़बर 27 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'बलात्कारी को बचाने का महिला कांस्टेबल ने लिया था ठेका'

खास बातें

  • केशवपुरम थाना के प्रभारी ने महिला की जमानत याचिका पर अदालत के नोटिस के जवाब में कहा कि आरोपी रेणु ने कथित बलात्कारी प्रह्लाद के पिता से ठेका लिया था।
नई दिल्ली:

अदालत कक्ष के अंदर 75 वर्षीय बलात्कार पीड़िता पर दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार एक महिला ने आरोपी के परिजनों से समझौता किया था कि वह पीड़िता को आरोपी के खिलाफ गवाही नहीं देने के लिये मनाएगी। यह जानकारी पुलिस ने अदालत को दी है। केशवपुरम थाना के प्रभारी ने महिला की जमानत याचिका पर अदालत के नोटिस के जवाब में कहा कि आरोपी रेणु ने कथित बलात्कारी प्रह्लाद के पिता से ठेका लिया था कि वह पीड़िता को इस बात के लिए राजी करेगी कि वह आरोपी को अदालत में नहीं पहचाने। पुलिस ने कहा, यह मामला प्रकाश में आया है कि पिछले हफ्ते गिरफ्तार रेणु ने प्रह्लाद के पिता मोतीलाल से संपर्क किया था और उन्हें आश्वस्त किया था कि वह पीड़िता को मनाएगी कि वह सुनवाई के दौरान आरोपी की पहचान नहीं करे और उसके खिलाफ गवाही नहीं दे। पुलिस ने अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विद्या प्रकाश से कहा, मामले में अंतिम गवाही के बाद पहलाद के परिवार को पैसे का भुगतान करना होगा। पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में पहलाद के पिता का बयान भी जोड़ा है। जमानत पर जिरह सुनने के बाद अदालत ने याचिका पर सुनवाई दो नवंबर तक स्थगित कर दी क्योंकि रेणु पर अभियोजन चलाने का आदेश देने वाले सत्र न्यायाधीश ने बलात्कार पीड़िता बुजुर्ग महिला का बयान दर्ज नहीं किया है। एसीएममए प्रकाश ने कहा, इस बात पर विवाद नहीं है कि सत्र अदालत के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हुआ है। इस तरह अभियोजन के बयान के मुताबिक आरोपी रेणु की ओर से पीड़िता पर अदालत के समक्ष बयान नहीं देने की धमकी अब भी बरकरार है। रेणु को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ की अदालत में 19 अक्तूबर को बलात्कार के आरोपी को नहीं पहचानने का दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत के एक कर्मचारी ने न्यायाधीश को सूचित किया था कि रेणु बुजुर्ग महिला पर दबाव बना रही है कि वह आरोपी को अदालत कक्ष में नहीं पहचाने जिसके बाद एएसजे लाउ ने रेणु पर पीड़िता को धमकी देने के आरोप में अभियोजन चलाने का आदेश दिया था।


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