PNB घोटाले पर RBI गवर्नर की सफाई : एक लाख से ज्यादा बैंकों की निगरानी संभव नहीं

संसद की स्थायी समिति ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल से लंबी जिरह की, तीन घंटे से ज़्यादा चली पूछताछ

PNB घोटाले पर RBI गवर्नर की सफाई : एक लाख से ज्यादा बैंकों की निगरानी संभव नहीं

आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल.

खास बातें

  • बैंकों की कुल 1,16,000 कमर्शियल ब्रांचों की निगरानी RBI के बस में नहीं
  • आरबीआई के पास तो बैंकों की ऑडिटिंग का अधिकार भी नहीं
  • आरबीआई को ज़्यादा अधिकार देने की सिफारिश की जाएगी
नई दिल्ली:

नीरव मोदी 11,000 करोड़ का घोटाला कर भागने में कैसे कामयाब रहा? इस घोटाले का ज़िम्मेदार कौन है? ऐसे कई सवालों पर संसद की स्थायी समिति ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल से लंबी जिरह की. ये पूछताछ तीन घंटे से ज़्यादा चली.

आर्थिक मामलों की संसदीय समिति के सामने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने साफ़ कर दिया कि एक लाख से ज्यादा कारोबारी बैंकों की निगरानी उसके बूते में नहीं है.

आरबीआई गवर्नर ने जो लिखित जवाब दिया, वह एनडीटीवी इंडिया के पास है. उन्होंने कहा देश में बैंकों की कुल 1,16,000 कमर्शियल ब्रांच हैं. इतनी सारी ब्रांचों की निगरानी करना असंभव है. बैंकों के इंटरनल कंट्रोल सिस्टम पर निर्भर रहने के अलावा कोई चारा नहीं है. आरबीआई के पास तो बैंकों की ऑडिटिंग का अधिकार भी नहीं है.

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दरअसल तीन घंटे से ज़्यादा चले सवाल-जवाब में आरबीआई गवर्नर से पूछा गया नीरव मोदी कई साल तक बिना collaterals के Letter of Understanding भेजने में कैसे कामयाब रहा? आरबीआई की निगरानी व्यवस्था नीरव मोदी को रोकने में क्यों नाकाम रही? जिस ब्रांच में घोटाला हुआ उसकी ऑडिटिंग आरबीआई ने क्यों नहीं की.

VIDEO : नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का सवाल

ऐसे में सवाल है कि पीएनबी जैसे घोटालों का अंदेशा भविष्य में कैसे रोका जाए? इसका कोई साफ़ जवाब किसी के पास नहीं दिखा. संसद की स्थायी समिति ने पीएनबी घोटाले की समीक्षा के बाद पाया है कि सरकारी बैंकों की सख्ती से निगरानी के लिए आरबीआई के पास पर्याप्त अधिकार नहीं हैं. अब संसदीय समिति ने तय किया है कि इस मसले पर संसद में पेश होने वाली उसकी रिपोर्ट में भविष्य में सरकारी बैंकिंग व्यवस्था में ऐसे किसी घोटाले को रोकने के के लिए आरबीआई को ज़्यादा अधिकार देने की सिफारिश की जाएगी.


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