यह ख़बर 04 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

यौन उत्पीड़न के आरोपी जज ने कहा, 'अगर दोषी पाया गया तो मौत की सज़ा के लिए भी तैयार'

ग्वालियर:

मध्य प्रदेश की एक एडिशनल जज की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हाइकोर्ट के जज ने इस विवाद पर पहली बार अपना पक्ष रखा है। इस जज ने कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।

इस मसले पर मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस को लिखे खत में उन्होंने लिखा है कि वह किसी भी कमेटी से जांच के लिए तैयार हैं। यही नहीं उनका कहना है कि अगर वो दोषी पाए गए तो फांसी की सज़ा के लिए भी तैयार हैं।

इससे पहले मध्य प्रदेश से ग्वालियर की एक एडिशनल जज ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। महिला जज ने अपना इस्तीफा 15 जुलाई को ही दे दिया था। खबर है कि इस बारे में महिला जज ने राष्ट्रपति, कानूनमंत्री और चीफ जस्सिट ऑफ इंडिया को अपनी शिकायत भेजी है।

इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से बात की। उन्होंने साफ किया कि हालांकि उन्हें अभी आधिकारिक रूप से कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इस मामले में वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज से रिपोर्ट मांगेंगे और उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

महिला जज का आरोप कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज ने उन्हें अपने घर अकेले बुलाने पर ज़ोर दिया। उन्हें डांस करने के लिए कहा और मांगें नहीं मानने पर ट्रांसफर किया।

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वहीं यौन उत्पीड़न के आरोपी जज का कहना है कि उन्होंने मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस को खत लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह किसी भी कमेटी की जांच के लिए तैयार हैं और अगर वह दोषी पाए गए तो फांसी के लिए भी तैयार हैं।