प्रतीकात्मक तस्वीर
हाल ही में निपाह वायरस के आंतक से न सिर्फ लोग सदमे में हैं, बल्कि इस वायरस की चपेट में आने से अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो गई है. निपाह वायरस को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि चमगादड़ से ही इसके वायरस फैल रहे हैं, मगर अब जांच में यह बात सामने आई है कि निपाह वायरस का मुख्य कारण चमगादर नहीं है. शुक्रवार को अधिकारियों ने केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम में 12 जिंदगियां छीनने वाले निपाह वायरस के फैलने के पीछे चमगादड़ के होने की बात से इनकार कर दिया है.
भोपाल में उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में चमगादड़ और सूअरों के कुल 21 नमूने भेजे गए थे, लेकिन शुक्रवार की देर शाम देर प्राप्त परिणामों के मुताबिक सभी नकारात्मक पाये गये. इस सप्ताह के शुरू में केंद्रीय पशुपालन आयुक्त एसपी सुरेश की अगुआई वाली एक टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों की जांच के बाद कहा कि जानवरों में निपाह वायरस की किसी तरह के घटना की पहचान नहीं हुई है और इस वायरस से सिर्फ इंसान प्रभावित हुए हैं.
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भोपाल लैब में कई सैंपल्स भेजे गये थे, जिनमें वह चमगादड़ भी शामिल था, जो पेरम्बरा गांव में निपाह वायरस के पीड़ित मूसा के घर मिले थे. बता दें कि मूसा के दोनों बेटों और रिश्तेदार की भी इस वायरस से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सभी 21 सैंपल पेरम्बरा और उसके आस-पास के इलाके से इकट्ठा किये गये थे.
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बताया जा रहा है कि एनआईवी का ट्रांसमिशन संक्रमित चमगादड़, सूअर या अन्य एनआईवी संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क में आने से होता है. मगर जो परिणाम सामने आए हैं, उससे इस बात की पुष्टि होती है कि यह निपाह वायरस चमगादड़ों से नहीं आया है. इसलिए अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों को मद्देनजर रखते हुए और जांच करने का फैसला किया है.
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