रिपोर्टर डायरी : विदेशी फैशन डिजाइनर, डांस टीचर और फुटबॉल प्लेयर भी बन रहे हैं महामंडलेश्वर

फ्रांस, रूस, जापान जैसे कई देशों के अनुयायी दीक्षा लेने के लिए कुंभ आ रहे हैं, सन्यास जीवन पर अखाड़ा संतोष जता देता है तब महामंडलेश्वर घोषित होते हैं

रिपोर्टर डायरी : विदेशी फैशन डिजाइनर, डांस टीचर और फुटबॉल प्लेयर भी बन रहे हैं महामंडलेश्वर

प्रयागराज के कुंभ में विदेशी संन्यासी.

खास बातें

  • गृहस्थ जीवन का त्याग करना पड़ता है
  • विदेशियों के अलावा नेता भी बन रहे महामंडलेश्वर
  • कुंभ मेले के प्रचार में विदेशी शिष्यों का बड़ा योगदान
प्रयागराज:

आंख बंद करके हाथों से ताली बजाते हुए हिन्दी के भजन गाती रूस की रहने वाली यूनिकोवा 9 साल बाद कृष्णा गिरी के नाम से भक्तों के बीच मशहूर हैं. सरकारी स्कूल में डांस टीचर रही कृष्णा गिरी ने 2010 में दीक्षा ले ली थी. अब घर परिवार से सन्यास लेकर महामंडलेश्वर बनने की कतार में शामिल हैं. उनके सैकड़ों अनुयायी भी रूस से कुंभ मेले में पहुंचे हैं.

कृष्णा गिरी के बगल में किसी समय मास्को में फैशन डिजायनर रहीं महामंडलेश्वर आनंद लीला भी मौजूद हैं. पायलट बाबा के कैंप में वे रुकी हैं. उनको भले अंग्रेजी और हिन्दी नहीं आती है लेकिन अपने ट्रांसलेटर के जरिए वे क्रियायोग के विषय पर भारतीय संतों से चर्चा कर रही हैं. वे ज्यादातर समय रूस में रहती हैं और प्रचार प्रसार और दीक्षा वहीं देती हैं.

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जापान की महामंडलेश्वर
मूल रूप से जापान की रहने वालीं महामंडलेश्वर केको आइकावा के आने की तैयारियां जोरों पर चल रही है. गुरुवार को वे अपने पांच सौ जापानी समर्थकों के साथ कुंभ मेला पहुंचेगी. जगह की कमी है लिहाजा पाइलट बाबा के शिविर में कुंभ मेले में पहली बार दोमंजिला हाइटेक हट तैयार हो रहा है.

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कैसे बनते हैं महामंडलेश्वर
महामंडलेश्वर बनना आसान नहीं होता है लेकिन उसके बावजूद फ्रांस, रूस, जापान जैसे कई देशों के अनुयायी दीक्षा लेने के लिए कुंभ आ रहे हैं. दीक्षा के बाद जब उनके सन्यास जीवन पर अखाड़ा संतोष जता देता है तब उन्हें महामंडलेश्वर घोषित किया जाता है. इस दौरान उन्हें गृहस्थ जीवन का त्याग करना पड़ता है.

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नेता भी बने हैं महामंडलेश्वर
मध्यप्रदेश में किसी समय कांग्रेस के नेता रह चुके अब महामंडलेश्वर की पदवी प्राप्त कर चुके शैलेशानंद मध्यप्रदेश के पिछड़े जिले में आश्रम बनाकर वहां लोगों को नशे और डिप्रेशन से निजात दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. वे बताते हैं कि पश्चिमी देशों ने साइंस में बहुत खोज की है लेकिन इंसान की खोज में विफल रहे हैं. लिहाजा आध्यात्मिक शांति की खोज में विदेशी श्रद्धालु क्रिया योग की तरफ आ रहे हैं. विदेशी महामंडलेश्वर विश्वदेवा जी, जापान से कैला देवी,आनंद लीला माता, श्रद्धा माता कई महामंडलेश्वर हैं. उन्हीं के साथ किसी समय भूटान की फुटबाल प्लेयर रह चुकीं माता श्रद्धा भी हैं. जो अंग्रेजी के साथ शानदार हिन्दी बोलती हैं. इनके साथ ही हरियाणा से आई चेतना माता भी हैं जो कभी IAS की तैयारी कर रही थीं लेकिन अब महामंडलेश्वर बनकर हरियाणा में योग आध्यात्म की अलख जलाए हैं.

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आप कह सकते हैं कुंभ मेले के बारे में दुनिया भर में जानकारी देने और फैलाने में इन देशी विदेशी महामंडलेश्वर और शिष्यों की बड़ी भूमिका है. यही वजह है कि अब कई अखाड़े ज्यादा से ज्यादा अपनी शाखाएं देश-विदेश में फैला रहे हैं.