यह ख़बर 26 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राजपथ पर भारत ने दिखाई सैन्य ताकत

खास बातें

  • परेड के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर प्रणाली पिनाका की झांकी के अलावा टी-90 भीष्म टैंकों का प्रदर्शन किया गया।
New Delhi:

गणतंत्र दिवस की परेड में बुधवार को भारत ने अपनी अद्भुत सैन्य क्षमता का अहसास दुनिया को कराया। दुनियाभर में अपनी प्रहार क्षमता के लिए चर्चित टी-90 :भीष्म: टैंकों का दस्ता जैसे ही राजपथ से गुजरा धरती जैसे मानो हिलने सी लगी। पांच किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम इस अत्यंत शक्तिशाली टैंक को देखकर वहां मौजूद लोगों को हर्ष के साथ ही गौरव का अनुभव भी हुआ। यह टैंक थर्मल इमेजिंग शक्ति की मदद से रात में भी चार किलोमीटर तक मार कर सकता है। 60 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम इस टी-90 भीष्म टैंक में परमाणु, जैविक और रासायनिक हमले से बचाव के उपकरण लगे हुए हैं। भीष्म टैंकों की गड़गड़ाहट के बाद लोग पहली सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की लांचर प्रणाली से रूबरू हुए। सभी भौगोलिक परिस्थितियों में प्रभावी यह प्रक्षेपास्त्र किसी भी प्लेटफार्म जैसे जमीन, समुद्र, समुद्र के अंदर से या हवा में छोड़ा जा सकता है। यह क्रूज मिसाइल भारत और रूस के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया गया है। इसके बाद विजयी भव: उद्घोष के साथ दुश्मन सेना पर भारी गोलीबारी कर तबाही मचाने वाली मल्टी बैरल रॉकेट लांचर प्रणाली पिनाका राजपथ से गुजरी। इसके बाद परेड में शत्रु सेना पर लंबी दूरी तक नजर रखने में सक्षम टैक्टिकल कंट्रोल रॉडार-रिपोर्टर का नंबर आया। वर्ष 2003 में सेना में शामिल किये गये इस राडार 40 हजार मीटर तक निगरानी की जा सकती है। परेड में नौसेना और वायु सेना के अत्याधुनिक हथियारों और प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। परेड में पहली बार डीआरडीओ का एक्टिव फेस्ड एरे राडार, युद्धपोतों में लगने वाला बहुउपयोगी राडार और नौसेना की पानी के अंदर काम करने वाली शस्त्र प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस का प्रशिक्षण संस्करण जब राजपथ से गुजरा तो बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। दो सीटों वाले इस विमान को लड़ाकू विमान की तर्ज पर बनाया गया है। इसे हाल ही में वायु सेना में शामिल किया गया है। परंपरा के अनुसार परेड के सबसे बड़े आकर्षण के रूप में वायुसेना के हेलीकाप्टरों और लड़ाकू विमानों ने फ्लाईपास्ट किया और परेड के दौरान सलामी मंच के सामने से गुजरने वाले दस्तों पर नजरें टिकाए बैठे लोगों की निगाहें आसमान की तरफ उठ गईं। वायुसेना के तीन एमआई-25 हेलीकाप्टरों ने वी आकृति के साथ चक्र फारमेशन बनाया। जबकि आईएल-78 विमानों की अगुवाई में दो एएन-32 और दो डोर्नियर विमानों ने बिग ब्वॉय फारमेशन बनाए। इसके बाद लड़ाकू विमानों का जत्था राजपथ के आसमान को चीरता हुआ गुजरा। सबसे पहले पांच जैगुआर विमानों ने जैगुआर फारमेशन बनाया। इसके बाद आकाश के बादशाह सुखोई विमान-30 आसमान में अपनी बादशाहत कायम करते नजर आये। बिजली की गति से चलने वाला सुखोई पलक झपकते ही निगाहों से ओझल हो गया। उसकी तेज गरज से उसकी ताकत का एहसास जरूर हुआ।


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