धर्म के आधार पर आरक्षण से एक और पाकिस्तान बन सकता है, बोले केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू

धर्म के आधार पर आरक्षण से एक और पाकिस्तान बन सकता है, बोले केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू

नायडू ने कहा, ‘सांप्रदायिक आरक्षण लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट देगा'

खास बातें

  • नायडू ने कहा, ‘सांप्रदायिक आरक्षण लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट देगा'
  • 'इससे लोगों में एकता नहीं रह जाएगी. इससे सामाजिक दुर्भाव पैदा हो जाएगा'
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने विधेयक पारित कर आरक्षण बढ़ाने की बात की थी
नई दिल्‍ली:

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण लागू करने से देश में सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है और इससे ‘एक और पाकिस्तान बन सकता है.’ अंबेडकर जयंती के अवसर पर भाजपा की एक बैठक को संबोधित करते हुए नायडू ने यह संकेत भी दिए कि कुछ तबकों के लिए आरक्षण बढ़ाने का तेलंगाना का हालिया प्रस्ताव हो सकता है कि संवैधानिक तौर पर वैध नहीं हो. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान निर्माता बी आर अंबेडकर ने धर्म आधारित आरक्षण का विरोध किया था. उन्होंने कहा, ‘‘हम धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) इसे लागू करना चाहते हैं. भाजपा ऐसे किसी कदम के विरोध में उस वक्त भी थी जब राजशेखर रेड्डी (अविभाजित आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री) और चंद्रबाबू नायडू (मौजूदा मुख्यमंत्री) ने ऐसा करने की कोशिश की.’

नायडू ने कहा, ‘हम ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेंगे क्योंकि इससे एक और पाकिस्तान बन जाएगा. यह भाजपा की अखिल भारतीय नीति है. यह भाजपा की तेलंगाना इकाई की नीति नहीं है.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक आरक्षणों के खिलाफ है. नायडू ने कहा, ‘सांप्रदायिक आरक्षण लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट देगा. इससे देश के एक और बंटवारे की मांग को हवा मिलेगी. इससे लोगों में एकता नहीं रह जाएगी. इससे सामाजिक दुर्भाव पैदा हो जाएगा.’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हाल में कहा था कि उनकी सरकार 16 अप्रैल को विधानसभा का सत्र बुलाकर एक विधेयक पारित करेगी जिससे अनुसूचित जनजातियों और मुस्लिमों में पिछड़े तबकों के आरक्षण को बढ़ाया जा सकेगा. राव ने कहा था कि विधानसभा से पारित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा. उन्होंने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि केंद्र ने मंजूरी नहीं दी तो राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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