यह ख़बर 12 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मंत्रिमंडल में 8 नए चेहरे, छवि सुधारने की कोशिश

खास बातें

  • मनमोहन ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए सात मंत्रियों को हटा दिया और वी किशोर चंद देव तथा सात अन्य नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी।
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए सात मंत्रियों को हटा दिया और वी किशोर चंद देव तथा सात अन्य नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी। इसके अलावा तीन अन्य मंत्रियों का दर्जा बढ़ा दिया गया। मंत्रिमंडल विस्तार की भारी चर्चा के बीच प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल तो किया, लेकिन चार बड़े वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मामले को हाथ नहीं लगाया। एम वीरप्पा मोइली को कानून मंत्रालय से हटाकर कोरपोरेट मामले में भेज दिया गया, जबकि उनकी छोड़ी कानून मंत्री की कुर्सी सलमान खुर्शीद के हवाले कर दी गई। तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी का दर्जा बढ़ाकर उन्हें केबिनेट में जगह दी गई और उन्हीं की पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा छोड़ा गया रेल विभाग उन्हें सौंप दिया गया। बेनी प्रसाद वर्मा को केन्द्रीय इस्पात मंत्री बनाया गया। इससे पहले वह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के तौर पर यही मंत्रालय देख रहे थे। मंत्रिमंडल में शामिल अन्य नये चेहरों में जयंती नटराजन (पर्यावरण और वन), डिब्रुगढ़ के सांसद पवन सिंह घाटोवार (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग), तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण), अलवर के सांसद जितेन्द्र सिंह (गृह), मिलिंद देवड़ा (और सूचना एवं प्रौद्योगिकी) और राजीव शुक्ला (संसदीय मामले) शामिल हैं। मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों में एमएस गिल (सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन), बी के हांडिक (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग), कांतिलाल भूरिया (आदिवासी मामले), मुरली देवड़ा (कोरपोरेट मामले) और दयानिधि मारन (कपड़ा) शामिल हैं। मारन ने 2 जी स्पैक्ट्रम मामले में नाम आने के बाद और पिछले सप्ताह बढ़ती उम्र के बहाने के बाद देवड़ा ने इस्तीफा दे दिया था और ऐसी खबर है कि उन्होंने अपनी जगह अपने पुत्र के लिए मंत्रिमंडल में जगह मांगी थी। नए मंत्री मंगलवार की शाम राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे, जिसके बाद मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल की क्षमता एक मंत्री के इजाफे के बाद 68 पर पहुंच जाएगी। मंत्रिमंडल में आठ नाम जुड़े हैं, जबकि सात हटाए गए हैं। रमेश को सक्रिय मंत्री के तौर पर देखा जाता था, लेकिन पर्यावरण से जुड़े मामलों से निपटने के दौरान कुछ विवादों में घिरने के कारण उन्हें केबिनेट में ग्रामीण विकास विभाग में भेज दिया गया। मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने की कवायद अभी अधूरी मालूम होती है क्योंकि कपड़ा और जल संसाधन के अतिरिक्त प्रभार क्रमश: आनंद शर्मा और पी के बंसल को दिए गए हैं। शर्मा के पास वाणिज्य एवं उद्योग और बंसल के पास संसदीय मामले पहले से है।मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल दूरसंचार का अतिरिक्त प्रभार संभाले हुए हैं, जबकि प्रवासी भारतीय मामले मंत्री वयालार रवि के पास नागर विमानन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।डीएमके के प्रतिनिधि ए राजा के 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाले में आरोपों से घिरने के बाद इस्तीफा देने के कारण दूरसंचार विभाग सिब्बल के हवाले किया गया था। डीएमके के किसी प्रतिनिधि को राजा और मारन के स्थान पर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। कुछ विभागों को अतिरिक्त प्रभार के तौर पर रखा गया है ताकि अगर डीएमके अपने प्रतिनिधि भेजना चाहे तो उन्हें मंत्रिमंडल में मुनासिब जगह दी जा सके। ऐसी उम्मीद है कि डीएमके कोयंबटूर में 23-24 जुलाई को होने वाली महासभा में इस मामले पर कोई फैसला कर सकती है। आंध्र प्रदेश के वयोवृद्ध सांसद वी किशोर चंद्र देव ने पहली बार मंत्रिमंडल में कदम रखा। एस जयपाल रेड्डी के बाद राज्य से मंत्रिमंडल में पहुंचे वह दूसरे मंत्री हैं। श्रीकांत जेना ने 2009 में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद नाराजगी जाहिर की थी। उन्हें सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। हालांकि वह रसायन और उर्वरक विभाग में राज्य मंत्री बने रहेंगे, जबकि डीएमके के एम ए अलागिरी इस विभाग में केबिनेट मंत्री रहेंगे। जेना 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार में केबिनेट मंत्री थे। छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के अकेले सांसद चरण दास महंत ने कृषि और खाद्य संस्करण में राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में प्रवेश किया है। गुरूदास कामत को गृह और संचार मंत्रालय से एक नये मंत्रालय पेयजल और स्वच्छता में स्वतंत्र प्रभार के साथ भेजा गया है। ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान में भेजा गया है। विदेश राज्य मंत्री ई अहमद को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रभार भी सौंप दिया गया है। राज्य मंत्री वी नारायणस्वामी और अश्विनी कुमार से संसदीय मामले मंत्रालय लेकर नये मंत्री राजीव शुक्ला और हरीश रावत को सौंपे गए हैं। रावत के पास कृषि और खाद्य संस्करण मंत्रालय भी बना रहेगा। जहाजरानी और रेलवे राज्य मंत्री मुकुल राय से रेलवे विभाग वापस ले लिया गया है। इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री क्रमश: ए साई प्रताप और अरूण यादव को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेता सुभाष यादव के पुत्र अरूण यादव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव नियुक्त किया गया है।कैबिनेट सूची :- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की सूची इस प्रकार है। कैबिनेट मंत्री :- वी किशोर चंद्र देव : आदिवासी मामले और पंचायती राज बेनी प्रसाद वर्मा : इस्पात जयराम रमेश : ग्रामीण विकास राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: श्रीकांत जेना : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री जयंती नटराजन : पर्यावरण और वन पवन सिंह घाटोवार : पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास गुरूदास कामत : पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री सुदीप बंदोपाध्याय : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चरण दास महंत : कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जितेन्द्र सिंह : गृह मामले मिलिंद देवड़ा : संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राजीव शुक्ला : संसदीय मामले  निम्नलिखित मंत्रियों के विभागों में परिवर्तन :- विलासराव देशमुख : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान वी वीरप्पा मोईली : कारपोरेट मामले आनंद शर्मा : वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार पी के बंसल : संसदीय मामले और जल संसाधन का अतिरिक्त प्रभार सलमान खुर्शीद : कानून एवं न्याय और अल्पसंख्यक मामलों का अतिरिक्त प्रभार राज्य मंत्री ई अहमद : विदेश मामले और मानव संसाधन विकास वी नारायण स्वामी : कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन और प्रधानमंत्री कार्यालय हरीश रावत : कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और संसदीय मामले मुकुल रॉय : जहाजरानी अश्विनी कुमार : योजना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित मंत्रियों के इस्तीफे राष्ट्रपति के पास भेजे : दयानिधि मारन मुरली देवड़ा बी के हांडिक एम एस गिल कांतिलाल भूरिया ए साई प्रताप अरूण एस यादव


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