कांग्रेस में अब 'आरपार' के हालात? राजीव सातव ने लिखा, 'हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है'

कांग्रेस के नेताओं के ट्विटर वार पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ट्विटर-ट्विटर न खेंले साथी, मिल कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं." 

कांग्रेस में अब 'आरपार' के हालात? राजीव सातव ने लिखा, 'हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है'

इससे पहले राजीव सातव ने कहा था कि यह भी देखा जाना चाहिए कि आप कहां असफल रहे.

नई दिल्ली:

ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने और सचिन पायलट के बगावती तेवर अपनाने के बाद पार्टी को आत्म निरीक्षण की सलाह देने वाले कांग्रेस सांसद राजीव सातव (Rajeev Satav) ने अब उन्हें समझाने वाले नेताओं पर शरो-शायरी के जरिए हमला किया है. इस ट्वीट में उन्होंन अपने "सब्र के इम्तिहान" की बात कही है. कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में पार्टी को घर से आत्म निरीक्षण की शुरुआत की बात कहने वाले राजीव सातव ने लिखा, "मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक है, तू सितम कर ले, तेरी ताक़त जहां तक है, व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है."

शनिवार को राजीव सातव ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की तरफ इशारों इशारों में हमला किया. उन्होंने लिखा

दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने राजीव सातव द्वारा आत्म निरीक्षण की बात कहे जाने पर ट्विटर पर लिखा था, ‘‘भाजपा 2004 से 2014 तक 10 साल सत्ता से बाहर रही. लेकिन उन्होंने उस समय की हालत के लिए कभी अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया.''उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ दिग्भ्रमित लोग राजग और भाजपा से लड़ने के बजाय डॉ मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार पर छींटाकशी कर रहे हैं. जब एकता की जरूरत है, वे विभाजन कर रहे हैं.''


उधर कांग्रेस के नेताओं के ट्विटर वार पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ट्विटर-ट्विटर न खेलें साथी, मिल कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं." 

बहस और आगे बढ़ गई जब तिवारी के जवाब में कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा, ‘‘बहुत सही कहा, मनीष. 2014 में पद छोड़ते समय डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘‘इतिहास मेरे प्रति उदार रहेगा''.''देवड़ा ने ट्वीट में कहा, ‘‘क्या कभी उन्होंने कल्पना भी की होगी कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग देश के प्रति उनकी सालों की सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी विरासत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे. वह भी उनकी मौजूदगी में?''

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एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने तिवारी और देवड़ा के सुर में सुर मिलाते हुए कहा, ‘‘संप्रग के क्रांतिकारी दस सालों को दुर्भावनापूर्ण विमर्श के साथ कलंकित कर दिया गया. हमारी हार से सीखने को बहुत सारी बातें हैं और कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए बहुत मेहनत करनी होगी. लेकिन हमारे वैचारिक शत्रुओं के मनमाफिक चलने पर ऐसा नहीं हो सकता.''

बता दें कि राजीव सातव (Rajeev Satav) ने इस बहस को उस समय जन्म दिया जब उन्होंने पूर्व मंत्रियों कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम से इतनी पुरानी बड़ी पार्टी के कमजोर होने पर आत्मचिंतन को कहा. उन्होंने कहा था "आप सभी कह रहे हैं कि हमें आत्म निरीक्षण की जरूरत है, इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए. 2009 में 200 से ज्यादा थे लेकिन 44 पर कैसे आए, आप सभी उस वक्त मंत्री थे. उन्होंने कहा यह भी देखा जाना चाहिए कि आप कहां असफल रहे."

(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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