किसान आंदोलन के समर्थन में Rihanna का 1 ट्वीट, सोशल मीडिया पर मच गई खलबली

इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना (Rihanna) ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया, ‘‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान आंदोलन.’’

किसान आंदोलन के समर्थन में Rihanna का 1 ट्वीट, सोशल मीडिया पर मच गई खलबली

ट्विटर पर रिहाना के 10 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • इंटरनेशनल पॉप स्टार हैं रिहाना
  • आंदोलन के समर्थन में किया ट्वीट
  • ट्विटर पर 10 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर
नई दिल्ली:

इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना (Rihanna) ने मंगलवार को किसान आंदोलन (Farmers Protest) को समर्थन देते हुए ट्वीट किया. इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना की. रिहाना (32) विश्व स्तर की पहली स्टार हैं, जिन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. उन्होंने सीएनएन के एक लेख के साथ ट्वीट किया, ‘‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान आंदोलन.'' रिहाना के ट्विटर पर 10 करोड़ फॉलोवर हैं और उनके इस ट्वीट को एक घंटे में हजारों लोगों ने रीट्वीट किया.

बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने रिहाना के ट्वीट की प्रशंसा की, वहीं दूसरी तरफ अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने इसकी आलोचना की. बताते चलें कि दिल्ली सीमा पर कई राज्यों के किसान नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शन कर रहे हैं.

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किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को कहा कि पुलिस एवं प्रशासन द्वारा उत्पीड़न बंद होने और हिरासत में लिए गए किसानों की रिहाई तक सरकार के साथ किसी तरह की औपचारिक बातचीत नहीं होगी. कई किसान संगठनों के इस समूह ने एक बयान जारी कर यह आरोप भी लगाया कि सड़कों पर कीलें ठोकने, कंटीले तार लगाने, आंतरिक सड़क मार्गों को बंद करने समेत अवरोधक बढ़ाया जाना, इंटरनेट सेवाओं को बंद करना और BJP और RSS के कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रदर्शन करवाना सरकार, पुलिस एवं प्रशासन की ओर से नियोजित हमलों का हिस्सा हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गत शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों का क्रियान्वयन 18 महीनों के लिए स्थगित करने का सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है. किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री के बयान पर कहा था कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए. सरकार ने 22 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई आखिरी दौर की बातचीत में कानूनों का क्रियान्वयन 18 महीनों के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था. किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)