NDA से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा बोले- छुपकर RSS का एजेंडा लागू कर रही थी सरकार, नीतीश हमें बर्बाद करने में लगे थे

उपेंद्र कुशवाह ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने हरदम हमें बर्बाद करने की कोशि‍श की. मेरी पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया.

NDA से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा बोले- छुपकर RSS का एजेंडा लागू कर रही थी सरकार, नीतीश हमें बर्बाद करने में लगे थे

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा.

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा  (Upendra Kushwaha) ने एनडीए (NDA) से अलग होने के बाद कहा कि केंद्र सरकार छुप-छुपकर आरएसएस का एजेंडा चला रही थी. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमारी पार्टी को बर्बाद करने में तुले थे. कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सामाजिक न्याय के मामले में नाकाम रही. हमने हमेशा सामाजिक न्याय के लिए काम किया, लेकिन सरकार ने कभी भी सामाजिक न्याय के लिए काम नहीं किया. सरकार ने आरएसएस एजेंडा लागू करने का प्रयास किया और छुप-छुपकर इसे लागू किया. मेरा एनडीए में कटू अनुभव रहा है. 

नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है, राज्य में कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था सब खस्ता हालात में है. राज्य सरकार हर जगह फिसड्डी साबित हुई है. नीतीश कुमार का एजेंडा था कि मेरी पार्टी को जितना जल्दी हो सके, उसे खत्म किया जाए. हद तो तब हो गई जब पिछले चुनाव में हमें तीन सीटें मिली थी, लेकिन इस बार उससे भी कम देने का प्रयास किया गया. हमने कहा कि जितनी पिछली बार दी थी, उतनी सीटें दे दी दीजिए. लेकिन हमारी बातें नहीं मानी गई. इसके बाद अगर हम कम सीटों पर लड़ते तो हमारी ताकत और कम हो जाती. सामाजिक न्याय की लड़ाई कमजोर हो जाती तो हमने स्वीकार करने से मना कर दिया.

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साथ ही उन्होंने कहा, '2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जो विधानसभा उपचुनाव हुए थे उसमें मेरी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई. फिर विधानसभा चुनाव आए तो सीटों की घोषणा के बाद एनडीए के अन्य छोटे घटक दलों की सीटें घोषणा के बाद बढ़ा दी गई. लेकिन हमें उस वक्त भी न्याय नहीं मिला. चुनाव में आरएसएस प्रमुख का जो बयान आया, उससे पूरा चुनाव डूब गया. बिहार के लोग सामाजिक न्याय के खिलाफ कोई बात नहीं सुन सकते, इसलिए चुनाव के नतीजे ऐसे रहे.'

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कुशवाहा ने कहा, 'हमने बिहार में जो शिक्षा को लेकर एजेंडा चला रखा था और सरकार के सामने 25 सूत्रीय जो मांगे रखी थी, अगर नीतीश कुमार उन्हें मान लेते और सार्वजनिक रूप से कह देते कि वे इस दिशा में काम करेंगे तो हमे एनडीए से बाहर नहीं जाते. लेकिन इनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया. अंत में जो रवैया दिखा, वह मेरी पार्टी को कमजोर करने का रवैया था.'

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जब उनसे पूछा गया कि अब वे किसके साथ जाएंगे तो उन्होंने कहा, 'एनडीए को बंद करके सभी रास्ते खुले हुए हैं. हमारे पास अकेले चुनाव लड़ने, थर्ड फ्रंड बनाने और महागठबंधन में शामिल होने के विकल्प हैं. हम पार्टी में इन सब विकल्पों पर विचार करेंगे और फिर तय करेंगे कि हमें आगे क्या करना है, '

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यहां प्वाइंट्स में पढ़ें और क्या-क्या कहा:-
- सामाजिक न्याय के मामले में मोदी सरकार उम्‍मीदों पर खड़ा उतरने में नाकामयाब रही है. 
- मोदी सरकार ने लगातार छुप-छुप कर आरएसएस का एजेंडा लागू किया गया. 
- नीतीश कुमार के शासनकाल में सभी जगह अन्याय ही अन्याय इनजस्‍ट‍िस दिख रहा है
- नीतीश कुमार ने हरदम हमें बर्बाद करने की कोशि‍श की. मेरी पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया.
- बिहार में हार का सबसे बड़ा कारण आरएसएस प्रमुख का आरक्षण के खिलाफ बयान रहा है.
- नीतीश जी ने हमें सार्वजनिक मंच पर नीच कहकर संबोधि‍त किया और हमें अपमानित किया. 
- हमें तीन सीट से भी कम दिए जाने की बात की जा रही थी. यह मुझे स्‍वीकार्य नहीं था. 
- मेरा एजेंडा जो शिक्षा के क्षेत्र में बिहार में चल रहा था, अगर उसे नीतीश कुमार लागू करने पर सहमत हो जाते तब भी हम एनडीए में बने रह सकते थे. 
- ये लोग लगातार आरएसएस का एजेंडा लागू करने में लगे हुए इसलिए मुझे केंद्रीय मंत्रीमंडल में नहीं रहना चाहिए.
- पार्टी के लोगों ने हमें फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था इसलिए आज हमने एनडीए से अलग होने का निर्णय लिया और मैंने अपना इस्‍तीफा पीएम को भेज दिया.

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