केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा किया होल्ड, बदलाव करने की बात कही

सरकार को ये खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ रोहिंग्या आतंकी संगठनों के साथ मिले हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि ये मौलिक अधिकारों के तहत नहीं आता है.

केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा किया होल्ड, बदलाव करने की बात कही

म्यांमार से बाहर निकलकर बांग्लादेश पहुंचते रोहिंग्या मुसलमान.

खास बातें

  • केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा
  • बताया रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा के लिए खतरा.
  • कोर्ट ने दखल न देने की अपील की.
नई दिल्ली:

रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, लेकिन बाद में उसे होल्ड पर रखने की अपील की. साथ ही कहा कि सरकार इसमें बदलाव के साथ फिर दाखिल करेगी. इससे पहले दाखिल हलफनामें में कोर्ट में सरकार ने कहा था कि रोहिंग्या भारत में नहीं रह सकते हैं. रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. सरकार को ये खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ रोहिंग्या आतंकी संगठनों के साथ मिले हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि ये मौलिक अधिकारों के तहत नहीं आता है. ये संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत नहीं आता है. बता दें कि देश में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम अवैध तौर पर रह रहे हैं. भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों के अनुरूप कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. सुप्रीम कोर्ट 18 सितंबर को सुनवाई करेगा.

रोहिंग्या मुस्लिम को लेकर हलफ़नामे पर केंद्र सरकार की तरफ से मामले में एक पक्षकार को एक पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि जो हलफ़नामा उन्हें केंद्र सरकार का दिया गया वो गलती से उन्हें दिया गया. रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर केंद्र सरकार हलफ़नामा अभी तैयार कर रही है. जो हलफ़नामा आपको सर्व किया गया है वो फाइनल नहीं है. ऐसे में जो कॉपी आपको दी गई है उंसको केंद्र सरकार का जवाब न समझा जाये. 

यह भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार से कहा, रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हमले बंद करे

उल्लेखनीय है कि रोहिंग्या मुसलमानों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ अलग-अलग तबके के करीब तीन-चार सौ लोगों ने बुधवार को दिल्ली में म्यांमार के दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया था.

जानकारी दे दें कि म्यामांर में हिंसा के बाद हजारों रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश आ गए हैं. लेकिन मजबूरी में रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश के उस सुदूर द्वीप पर बसना पड़ सकता है, जिस पर हर साल बाढ़ आती है.
VIDEO: रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या

बांग्लादेश सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों को उस द्वीप पर पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है, क्योंकि म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई के बाद से गरीबी से जूझ रहे बांग्लादेश में बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम शरण की आस में पहुंच रहे हैं और उन्हें बसाने को लेकर अधिकारियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है.
 


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