'आर्ट ऑफ लिविंग' पर पांच करोड़ का जुर्माना मामूली, ये 'आर्ट ऑफ फूलिंग' है : शरद यादव

'आर्ट ऑफ लिविंग' पर पांच करोड़ का जुर्माना मामूली, ये 'आर्ट ऑफ फूलिंग' है : शरद यादव

शरद यादव का फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली:

जदयू प्रमुख शरद यादव ने आज यमुना खादर में 'आर्ट ऑफ लिविंग' फाउंडेशन के विश्व सांस्कृतिक महोत्सव कार्यक्रम को लेकर एनजीटी के निर्देश पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि उस पर पर्यावरण मुआवजा के तौर पर लगाया गया पांच करोड़ का जुर्माना 'बेहद मामूली' है। उन्होंने ये भी कहा कि ये 'आर्ट ऑफ लिविंग' नहीं, 'आर्ट ऑफ फूलिंग' यानी मूर्ख बनाने की कला है।

यादव ने एक बयान में कहा, 'मैं काफी चिंतित हूं और दुखी हूं कि विपक्ष की ओर से यमुना खादर में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के मुद्दे को लगातार उठाए जाने के बावजूद एनजीटी ने महज पांच करोड़ का जुर्माना लगाते हुए इसे जारी रखने की अनुमति दी।'

उन्होंने कहा, 'आर्ट ऑफ लिविंग (फाउंडेशन) के लिए यह राशि बहुत कम है। यह 'आर्ट ऑफ लिविंग' नहीं बल्कि देश के लोगों को 'आर्ट ऑफ फूलिंग' (मूर्ख बनाने की कला) है।'

यादव ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा ये बाबा लोग कहां से इतनी रकम लाते हैं और फिर वे कहेंगे कि विदेशों से कालाधन वापस लाया जाए।

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उन्होंने कहा, 'यह एक अनावश्यक कार्यक्रम है, जिसका हमारी आबादी के 90 प्रतिशत हिस्से से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही राजधानी के लोगों को इससे असुविधा होगी और सुरक्षा और पर्यावरण का भी मुद्दा है।'