यह ख़बर 05 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हिन्दुत्व को फिर 'रीलॉन्च' करेगा आरएसएस, मोदी रहेंगे दूर

खास बातें

  • इलाहाबाद में जारी महाकुंभ के मौके पर आयोजित संतों की एक मीटिंग में आरएसएस के एजेंडे में हिंदुत्व के मुद्दे ने फिर से प्रमुखता ग्रहण की है। इस कार्यक्रम से नरेन्द्र मोदी दूर ही रहेंगे।
नई दिल्ली:

इलाहाबाद में जारी महाकुंभ के मौके पर आयोजित संतों की एक मीटिंग में आरएसएस के एजेंडे में हिंदुत्व के मुद्दे ने फिर से
प्रमुखता ग्रहण की है। पहले खबर थी कि यह बैठक दो दिन तक चलेगी, लेकिन अंतिम समय में हुए कुछ बदलावों के बाद मीटिंग मात्र एक दिन के लिए आयोजित किए जाने बात कही जाने लगी है।

माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण आरंभ करने की नई तारीख की घोषणा की जा सकती है। इस पूरे मसले पर विश्व हिन्दू परिषद, जो कि यह मीटिंग आयोजित कर रहा है, ने तमाम पैम्फ्लैट बांटे हैं, जो हिन्दुत्व की भावना को बढ़ाने के संदेश लिए हुए हैं। यह सब कार्यक्रम 2014 में आम चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है।

आरएसएस का कहना है कि वह एक साल के भीतर तीन लाख गांवों में इस तरह के हिन्दू जागृति कार्यक्रम का आयोजन करेगा। माना जा रहा है कि भाजपा के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह के अलावा तमाम भाजपा नेताओं के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

इस पूरे घटनाक्रम में एक अहम बदलाव यह है कि गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने नहीं आ रहे हैं। वीएचपी का कहना है कि उसने नरेंद्र मोदी को इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित नहीं किया है। वहीं, इस बात की आशंका भी खत्म हो गई है कि 2014 के चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा होगी। सूत्र बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को एक रणनीति के तहत ही दूर रखा गया है।

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सूत्र बता रहे हैं कि पहले नरेंद्र मोदी को पार्टी की संसदीय समिति में लाया जाएगा और 2014 के चुनाव के लिए उन्हें कमान भी सौंपी जाएगी।