अयोध्या पर फैसले को लेकर हिंदू संगठनों ने नेताओं-कार्यकर्ताओं को नारेबाजी से दूर रहने को कहा, मिठाई बांट सकते हैं

रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में जमीन के मालिकाना हक को लेकर अगले कुछ दिन में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है.

अयोध्या पर फैसले को लेकर हिंदू संगठनों ने नेताओं-कार्यकर्ताओं को नारेबाजी से दूर रहने को कहा, मिठाई बांट सकते हैं

अयोध्या विवाद पर फैसला इसी 17 नवंबर के पहले आने की उम्मीद है

नई दिल्ली:

रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में जमीन के मालिकाना हक को लेकर अगले कुछ दिन में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है. इसे देखते हुए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने अपने नेताओं से बेवजह की नारेबाजी से दूर रहने के लिए कहा है. सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर जारी निर्देशों के साथ ही इन संगठनों की ओर से भी अपने नेताओं को हिदायत दी गई है.  इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर फैसला पक्ष में आता है तो नेता और कार्यकर्ता अपने घरों में रोशनी और मिठाई बांट सकते हैं और मंदिरों में खुशी मना सकते हैं.   आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष द्वारा अयोध्या में शांति और सौहार्द बनाए रखने के आह्वान का स्वागत करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को घोषणा की कि फैसले के बाद वह अपने प्रस्तावित सभी कार्यक्रमों को रद्द कर देगा. मालिकाना हक के मुस्लिम पक्षकारों ने इससे पहले घोषणा की थी कि अनुकूल फैसला आने की स्थिति में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए वे अयोध्या में विवादित जमीन पर मस्जिद निर्माण को आगे के लिए टाल देंगे. जटिल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांप्रदायिक सौहार्द खराब नहीं होने देने के लिए दोनों समुदायों के प्रयास के बावजूद अयोध्या पुलिस भी ठोस प्रयास कर रही है. 

विश्व हिंदू परिषद् के उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता शरद शर्मा ने सोमवार को पीटीआई भाषा को बताया, 'अगले महीने अयोध्या फैसले से जुड़े हमारे सभी प्रस्तावित कार्यक्रम और विभिन्न गतिविधियों को रद्द कर दिया गया है.' मुस्लिम पक्ष की घोषणा के बाद शर्मा ने सद्भाव दिखाते हुए कहा, 'फैसला चाहे हिंदुओं के पक्ष में हो या मुस्लिमों के पक्ष में, समय आ गया है कि दोनों समुदाय सौहार्दता और भाईचारे का सर्वोच्च उदाहरण पेश करें.' 

उन्होंने कहा, 'हम सभी को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी कोई घटना नहीं हो जो दोनों समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों में जहर घोल दे.' उन्होंने कहा, 'हमने अपने सभी कार्यक्रमों और हिंदू कार्यकर्ताओं के एकत्र होने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. गोधरा और इसके बाद पूरे गुजरात में जो हुआ उसे लेकर हम पूरी तरह सतर्क हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वैसी स्थिति यहां या देश में कहीं भी फिर नहीं हो.' मालिकाना हक के दावेदार मुस्लिम पक्षों ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि मामले में अगर उनकी जीत होती है तो वे अयोध्या में मस्जिद निर्माण को आगे के लिए टाल देंगे. 

अयोध्या मामले में फैसले से पहले अलर्ट जारी​

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(इनपुट भाषा से भी)

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