यह ख़बर 15 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

संघ पर प्रतिबंध तो संभव नहीं : दिग्विजय

खास बातें

  • दिग्विजय सिंह ने कहा है कि हालांकि संघ पर प्रतिबंध सम्भव नहीं है, मगर इसकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए।
लखनऊ:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखे प्रहार के लिए निरंतर चर्चा में रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि हालांकि संघ पर प्रतिबंध सम्भव नहीं है, मगर इसकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए।

सिंह ने बुधवार को कहा, ‘संघ के कम से कम 150 अनुषंगी संगठन हैं..इस पर प्रतिबंध तो संभव नहीं है..मगर यह जरुरी है कि इसकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाये।’

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मौके पर समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड के सिलसिले में हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा संघ से जुड़े कमल चौहान नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि आतंकी घटना के सिलसिले में संघ के किसी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी सबसे पहले वर्ष 2002 में हुई थी और उसके बाद से ही जांच में संघ की भूमिका पर नजर रखी जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा, ‘यदि गिरफ्तार व्यक्ति कोई मुसलमान रहा होता तो संघ का रुख कुछ और होता..गिरफ्तार अभियुक्त (चौहान) संघ के नेताओं के बहुत निकट रहा है और उसने समझौता एक्सप्रेस में बम लगाने की बात स्वीकार की है..इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखने का सवाल ही नहीं उठता।’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने बताया कि खंडवा जिले में बम बनाने की सामग्री के साथ गिरफ्तार एक सिमी कार्यकर्ता की जब जांच पड़ताल की गयी तो पता चला कि उसे बजरंग दल के एक नेता ने तीन महीने तक अपने घर में रखा था।

दिग्विजय सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनकी सरकार के पास सिमी और बजरंग दल दोनों के विरुद्ध साक्ष्य थे जिनके आधार पर मध्य प्रदेश सरकार ने दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह उल्लेख करते हुए कि बाद में जब केंद्र में भाजपानीत राजग सरकार बनी तो बजरंग दल पर लगा प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया, सिंह ने कहा, ‘‘बजरंग दल और सिमी इमाम बुखारी तथा मोहन भागवत की तरह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में हुई गड़बड़ी में जिस मंत्री का नाम आ रहा है , वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री मायावती यह दावा कैसे कर सकती हैं कि वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई कर रही हैं।

सिंह ने गुजरात दंगों के बारे में एसआईटी रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कल प्रतापगढ़ के अमावां इलाके में कांग्रेस विधान दल के नेता प्रमोद तिवारी के काफिले की एक कार को जिस तरीके से एक ट्रक ने टक्कर मारी, उसकी जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने बताया कि जिस ट्रक ने टक्कर मारी, उसके चालक के विरुद्ध 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं और ऐसे में मामले की जांच करके यह पता लगाना आवश्यक है कि इस दुर्घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी और इसके लिए उन्होंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भी लिखा है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उनकी उपस्थिति में आज ही लखनउ के पूर्व महापौर और विधान परिषद के पूर्व सदस्य दाउ जी गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की।