मुंबई में मुफ्त जमीन मिलने की अफवाह ने बढ़ाई मुंबई पुलिस और बीएमसी की मुश्किल

अधिकारी का कहना है कि पिछले 20 दिनों में बीएमसी तीन बार लोगों को उस जगह से हटा चुकी है लेकिन वे जाने को तैयार नहीं है और जमीन से लगी सड़क पर जमा हो गये हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस उनमें से कुछ लोगों को थाने लेकर भी आयी और उन्हें चेतावनी दी लेकिन वे अब भी नहीं सुन रहे हैं.

मुंबई में मुफ्त जमीन मिलने की अफवाह ने बढ़ाई मुंबई पुलिस और बीएमसी की मुश्किल

पुलिस ने इलाके को खाली करवाया.

मुंबई:

कोरोना संकट से जूझ रही मुंबई में अब एक अफवाह ने पुलिस और बीएमसी कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ा दी है. शहर के विक्रोली नगर टैगोर में मुफ्त जमीन मिलने की अफवाह के चलते सैंकड़ों लोग जमीन घेरने के लिए पहुंच गए. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं, यहां बार बार हटाने के बावजूद भी महिलाएं वापस जमीन घेरने के लिए आ रही है, इन्हें हटाने के लिए मुंबई पुलिस, म्यूनिसिपल कोर्पोरेशन ग्रेटर मुंबई और बीएमसी को काफी मशक्त करनी पड़ रही हैं.  

अधिकारियों ने बताया कि नगर निकाय के अधिकारियों और पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया लेकिन वे अब भी मुफ्त जमीन पाने की आस में आस-पास रूके हुए हैं. शहर और समीप के ठाणे एवं नवी मुम्बई की महिलाओं और बच्चों समेत 500 से अधिक लोग पिछले 20 दिनों से विक्रोली के टैगोर नगर में जेवीएलआर लिंक रोड पर कई एकड़ में फैले सरकारी भूखंड पर इकट्ठा हैं.

 

विक्रोली थाने के एक अधिकारी ने बताया कि इन लोगों ने बांस, कपड़े और अन्य सामग्री से अपने अपने लिए 300-400 वर्ग फुट के भूखंड की पहचान भी करने लगे. अधिकारी ने बताया कि दरअसल अफवाह फैली थी कि सरकार मुफ्त जमीन दे रही है. ऐसी भी अफवाह फैली कि एक धनी व्यक्ति की बेटी हाल ही में गुजरे अपने पिता की याद में गरीबों को मुफ्त जमीन दे रही है. उन्होंने बताया कि लेकिन जब बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी), पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को इस बारे में पता चला तब वे वहां गये और उन्होंने शनिवार एवं रविवार को इन लोगों तथा उनके सामानों को हटाया.

अधिकारी का कहना है कि पिछले 20 दिनों में बीएमसी तीन बार लोगों को उस जगह से हटा चुकी है लेकिन वे जाने को तैयार नहीं है और जमीन से लगी सड़क पर जमा हो गये हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस उनमें से कुछ लोगों को थाने लेकर भी आयी और उन्हें चेतावनी दी लेकिन वे अब भी नहीं सुन रहे हैं.

अधिकारी के अनुसार विक्रोली पुलिस को अबतक बीएमसी, जिलाधिकारी या महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए) से कोई शिकायत नहीं मिली है. इसलिए किसी के खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज किया गया है. इस बीच एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अफवाह तब फैलने लगी जब पिछले महीने प्राधिकरण के अधिकारियों ने संबंधित भूखंड के समीप के खेतान कंपाउंड से करीब 18 झुग्गियां तोड़ दीं.

उन्होंने बताया कि हालांकि कुछ स्थानीय नेताओं के कथित हस्तक्षेप के बाद अधिकारियों ने खाली कराये गये लोगों को खेतान कंपाउंड पर फिर से झुग्गियां बना लेने को कह दिया था. अधिकारी के अनुसार उसके बाद इन्हीं लोगों ने अपने परिचितों एवं रिश्तेदारों को बताया कि सरकार खाली भूखंड पर झुग्गियां लगाने दे रही है.

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(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)