एसएण्डपी ने नहीं किया भारत की रेटिंग में कोई बदलाव, सरकार ने कहा- फैसला अनुचित

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भारत की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया.

एसएण्डपी ने नहीं किया भारत की रेटिंग में कोई बदलाव, सरकार ने कहा- फैसला अनुचित

फाइल फोटो

खास बातें

  • एसएण्डपी ने नहीं किया भारत की रेटिंग में कोई बदलाव.
  • सरकार ने रेटिंग एजेंसी के इस कदम को 'अनुचित' बताया.
  • सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एसएंडपी ने सतर्कता बरती है.
नई दिल्ली:

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भारत की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया. एजेंसी ने शुक्रवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ 'बीबीबी नकारात्मक' पर कायम रखा. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि बेशक भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि मजबूत है लेकिन उसकी कम प्रति व्यक्ति आय और ऊंचा सरकारी कर्ज इसे अतिसंवेदनशील बना देता है. हालांकि, सरकार ने तत्काल इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रेटिंग एजेंसी के इस कदम को 'अनुचित' बताया है. 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने पिछले दिनों भारत की सॉवरेन रेटिंग में 13 साल बाद पहली बार सुधार किया है. मूडीज ने भारत की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ बीएए3 से सुधार कर बीएए2 कर दिया था. उसने कहा था कि आर्थिक और संस्थागत सुधारों के जारी रहने से देश की वृद्धि संभावनाएं बेहतर हुई हैं. इधर, एसएंडपी का कहना है कि भारत को जो रेटिंग दी गई है वह उसकी मजबूत जीडीपी वृद्धि, बेहतर विदेश छवि और बेहतर मौद्रिक साख को परिलक्षित करती है. 

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इसके साथ ही भारत के मजबूत लोकतांत्रिक संस्थान और उसका स्वतंत्र मीडिया नीतियों में स्थिरता और सुलह-सफाई को बढ़ावा देता है. इससे उसकी रेटिंग को भी समर्थन मिला है. लेकिन भारत की कम प्रति व्यक्ति आय और अपेक्षाकृत ऊंचा सरकारी कर्ज उसकी मजबूती के समक्ष उसे संवेदनशील बना देता है. प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने रेटिंग में बदलाव नहीं करने को 'कुछ अनुचित' करार दिया. सान्याल ने कहा, निम्न प्रति व्यक्ति आय 'हमारी कर्ज चुकाने की क्षमता या हमारी कर्ज चुकाने की इच्छा को परिलक्षित नहीं करता है.'

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एसएंडपी ने सतर्कता बरती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि एजेंसी अगले साल भारत की रेटिंग में सुधार करेगी. उन्होंने कहा कि हम निराश नहीं हैं लेकिन हमें उम्मीद थी कि एसएंडपी इस बात को संज्ञान में लेगी कि सरकार ने क्या किया है. रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो एसएंडपी द्वारा अधिक संकीर्ण रुख अपनाया जाता है और वह मूडीज के पीछे-पीछे चलती है. 

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जनवरी, 2007 में एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को बीबी प्लस से स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- किया था. बीबीबी रेटिंग कबाड़ की स्थिति से एक स्थान ऊपर होती है. एसएंडपी ने कहा, 'रेटिंग को ऊपर की ओर ले जाने का दबाव तब बनता है जबकि सरकार के सुधारों से उसकी वित्तीय स्थिति उल्लेखनीय रूप से सुधर जाए और सरकार के कर्ज का शुद्ध बोझ कम हो जाए.' इसके अलावा यदि भारत का विदेशी खाता भी उल्लेखनीय रूप से सुधरता है तो रेटिंग में सुधार की स्थिति बनती है. 

वहीं जीडीपी वृद्धि दर निराशाजनक रहने, सरकार के घाटे में बढ़ोतरी या सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से रेटिंग को नीचे की ओर लाने का दबाव बनता है. मूडीज ने जब 17 नवंबर को भारत की सॉवरेन रेटिंग को सुधारकर बीएए2 किया था तो सरकार ने इस मौके को भुनाते हुए कहा कि यह उसके द्वारा किए जा रहे सुधारों को देरी से दी गई मान्यता है. यह रेटिंग उन्नयन जनवरी, 2004 के बाद पहली बार किया गया है. इससे भारत अब फिलिपींस और इटली जैसे देशों के समकक्ष आ गया है.

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अगस्त, 2006 में फिच रेटिंग्स ने भारत की रेटिंग को बीबी प्लस से स्थिर परिदृश्य के साथ निवेश ग्रेड वाली बीबीबी किया था. मूडीज ने 2015 में भारत के रेटिंग परिदृश्य को स्थिर से सकारात्मक किया था. मूडीज द्वारा 17 नवंबर को भारत की रेटिंग में सुधार से पहले विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने 30 पायदान की छलांग लगाई थी और वह 100वें स्थान पर पहुंच गया. एसएंडपी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार देश की वृद्धि के रास्ते की विभिन्न अड़चनों को दूर कर कई सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ने में सफल रही है.


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