पहले शिवसेना और अब अकाली दल के अलग होने पर 'सामना' ने उठाए सवाल- 'NDA का कोई वजूद बचा है?'

कृषि विधेयकों के विरोध में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA से शिरोमणि अकाली दल के निकलने के बाद शिवसेना ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि क्या NDA का अब भी वास्तव में कोई वजूद है? उसने साथ ही सवाल किया कि अब इसमें और कौन बाकी हैं.

पहले शिवसेना और अब अकाली दल के अलग होने पर 'सामना' ने उठाए सवाल- 'NDA का कोई वजूद बचा है?'

शिवेसना के बाद अब अकाली दल ने NDA छोड़ दिया है.

मुंबई:

कृषि विधेयकों के विरोध में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA से शिरोमणि अकाली दल के निकलने के बाद शिवसेना ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि क्या NDA का अब भी वास्तव में कोई वजूद है? उसने साथ ही सवाल किया कि अब इसमें और कौन बाकी हैं. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि यह अजीब है कि NDA के 'अंतिम स्तंभ' अकाली दल को गठबंधन से हटने से नहीं रोका गया.

संपादकीय में कहा गया है, ‘जब बादल (NDA से) हटे तो उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई. इससे पहले शिवसेना भी NDA से हटी. इन दोनों हटने के बाद NDA में अब बचा क्या है? जो अब भी गठबंधन में हैं उनका क्या हिंदुत्व से क्या कोई लेना देना है?' संपादकीय में कहा गया है, ‘पंजाब और महाराष्ट्र वीरता का प्रतिनिधित्व करते हैं और शिअद व शिवसेना इस वीरता एवं बहादुरी का चेहरा हैं.' सामना ने लिखा है, ‘अब जब कुछ ने इस गठबंधन को 'राम-राम' (अलविदा) कह दिया है और इसलिए NDA में अब राम नहीं बचे हैं जिसने अपने दो शेर (शिवसेना और शिअद) खो दिए हैं.'

संसद में कृषि विधेयकों के पारित किए जाने के विरोध में अकाली दल ने शनिवार को NDA से नाता तोड़ लिया. शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी के बाद हाल के समय में NDA से गठबंधन तोड़ने वाला अकाली दल तीसरा बड़ा घटक है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पद को लेकर विवाद के बाद शिवसेना ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद NDA को अलविदा कह दिया था.

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संपादकीय में कहा गया है, ‘पहले शिवसेना को NDA से अलग होना पड़ा. अब अकाली दल ने छोड़ा. दो मुख्य स्तंभों के बाहर निकलने के बाद क्या वास्तव में NDA अब भी बचा हुआ है?'

संपादकीय के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के लिए NDA का गठन किया गया था. पिछले कुछ साल में इस गठबंधन ने बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं और कई अन्य दल भी गठबंधन छोड़ चुके हैं. शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार अच्छा काम कर रही है और मौजूदा गठबंधन सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)