Sabarimala Temple: सबरीमाला में नहीं बन सका इतिहास, भारी विरोध के बाद मंदिर के रास्ते से वापस लौटीं दोनों महिलाएं

Sabarimala Temple LIVE Updates: केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है.

Sabarimala Temple:  सबरीमाला में नहीं बन सका इतिहास, भारी विरोध के बाद मंदिर के रास्ते से वापस लौटीं दोनों महिलाएं

Sabarimala Temple Live: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर संग्राम

खास बातें

  • सबरीमाला मामले में आज भी संग्राम जारी.
  • मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से रोका जा रहा है.
  • 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है.
नई दिल्ली:

केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक 10 से 50 साल की महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने का मौका नहीं मिला है. कई महिलाएं सबरीमाला पहाड़ी (Sabarimala Temple) की चढ़ाई कने का प्रयास भी किया तो प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने पर मजबूर कर दिया. सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों भक्तों के भारी विरोध की वजह से केरल पुलिस के सुरक्षा घेरे में जा रही दोनों महिलाओं को शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर की यात्रा से लौटने को मजबूर होना पड़ा. विरोध के बाद हैदराबाद की पत्रकार कविता ने अपने चार सहयोगियों और एक अन्य महिला भक्त रेहाना फातिमा के साथ सुबह करीब 10.50 बजे पंबा पहाड़ी से उतरना शुरू कर दिया.

रेहना फातिमा कोच्चि की रहने वाली हैं. दोनों महिलाओं ने सुबह करीब 6.45 बजे लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी. पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस.श्रीजीत ने की.

इस बीच दो महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के लगभग 30 कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए. ये सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे. जब समूह मंदिर के पहले प्रवेश बिंदु पर पहुंचा तो हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए. इसके बाद श्रीजीत के पास एक फोन आया, जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बताया कि सरकार ने बल का प्रयोग नहीं करने का फैसला किया है. श्रीजीत ने कहा, "अब मुझे दोनों महिलाओं से बात करनी पड़ेगी, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर में जाने का अधिकार है. कृपया यहां व्यवधान उत्पन्न नहीं करें लेकिन आप मंत्रोच्चार करना जारी रख सकते हैं."

इसके एक घंटे बाद श्रीजीत ने मीडिया से कहा कि उनकी मंदिर के तंत्री से बात हुई और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर पंरपरा व विश्वास का कोई उल्लंघन किया गया तो वह मंदिर को बंद करने पर बाध्य हो जाएंगे.

श्रीजीत ने कहा, "इसलिए हमने दोनों महिलाओं को इस बारे में बताया और उन्होंने यात्रा छोड़कर लौटने का फैसला किया. उन्होंने घर पहुंचने तक सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा."

हालांकि, केरल के देवासोम मंत्री कडाकम्पल्ली सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा कि हमें पता चला है कि दोनों महिलाएं वास्तव में कार्यकर्ता थीं. उन्होंने कहा, इस जानकारी के बाद यह हमारा कर्तव्य हो जाता है कि भक्तों के अधिकार की रक्षा करें न कि कार्यकर्ताओं की.

सुरेंद्रन ने कहा, हमारा महिला कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि वह पवित्र स्थानों पर इस तरह का व्यवहार नहीं करें. पुलिस को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें इन महिलाओं के बारे में ज्यादा जानकारी रखनी चाहिए. राज्य सरकार भक्तों के अधिकारों की रक्षा के कर्तव्य से बंधी हुई है.

इस बीच गुस्साए भक्तों ने फातिमा के कोच्चि स्थित घर में तोड़-फोड़ की. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम यहां फातिमा के घर में तोड़-फोड़ की सूचने के बाद यहां आए हैं." फातिमा कोच्चि में बीएसएनएस के साथ काम करती हैं और अपने साथी के साथ रहती हैं. दोनों ने मंदिर के लिए प्रस्थान किया था.
फातिमा के साथी ने कहा, "कार्यकर्ताओं या अन्य के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. सिर्फ एक नियम है. वह एक कार्यकर्ता नहीं है और उसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार जाने व पूजा करने का अधिकार है." फातिमा के साथी न्यूज प्रोड्यूसर हैं. वह अपनी टीम के साथ विरोध प्रदर्शन स्थल पर मौजूद थे.

बीएसएनएल ने एक बयान जारी कर रेहाना फातिमा के इस कदम से अलग होने की बात कही है. फातिमा बीएसएनएल के एर्नाकुलम बिजनेस एरिया की कर्मचारी हैं. सूत्रों के अनुसार, जब पुलिस के साथ दो महिलाओं की चढ़ाई की बात मंदिर के तंत्री परिवार व सदस्यों को पता चली तो उन्होंने महिलाओं को प्रवेश को रोकने के लिए मंदिर को बंद करने पर विचार किया.

केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम ने पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा को बुलाया और उनसे इस स्थिति पर बातचीत की. भाजपा नेता के. सुरेंद्रन राज्य सरकार व श्रीजीत पर केरल पुलिस अधिनियम नियम 43 के उल्लंघन को लेकर जमकर बरसे.

उन्होंने कहा, "नियमों के अनुसार एक पुलिस अधिकारी के अलावा उसकी वर्दी या उनके उपकरण को कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता. हम जानना चाहते हैं कि श्रीजीत ने कैसे उन दोनों महिलाओं को पुलसि की वर्दी व हेलमेट इस्तेमाल करने की अनुमति दी." सुरेंद्रन ने कहा, "यह सबरीमाला मंदिर की शुचिता को भंग करता है. हम केरल सरकार को जबरदस्ती सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए चाल नहीं चलने की चेतावनी देते हैं."

सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के बाद पहली बार बुधवार को मंदिर का दरवाजा खोला गया. न्यायालय ने अपने फैसले में 10 से 50 आयु वर्ग वाली सभी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की मंजूरी दी थी.

सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी बोले- मंदिर बंद नहीं करेंगे, मगर महिलाओं को यहां नहीं आना चाहिए


Sabarimala Temple Updates Day 3:


- सबरीमाला मंदिर में दर्शन की कोशिश करने वाले दो महिलाओं में से एक रेहाना के घर पर तोड़ फोड़.

-सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने जा रही मैरी स्वीटी नाम की महिला को प्रदर्शनकारियों ने रोका. महिला को वापस जाना पड़ा, उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया है.

-हम दोनों महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने के लिए गेट तक लेकर गए थे, लेकिन तंत्री और पुजारी ने मंदिर खोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अगर महिलाओं को आगे ले जाने की कोशिश करेंगे तो मंदिर को बंद कर दिया जाएगाः एस श्रीजीत, आईजी

 

-केरल में सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि हमने फैसला किया है कि मंदिर को बंद कर दें और चाबी किसी को सौंप कर चले जाएं. मैं श्रद्धालुओं के साथ हूं. मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

 

- नहीं बन सका इतिहास, भगवान अयप्पा को दर्शन करने गई दोनों महिलाएं सबरीमाला मंदिर के बाहर से वापस लौटीं. महिला पत्रकार सहित एक और महिला ने भारी विरोध को देखते हुए वापस लौटने का फैसला किया है. बता दें कि पुलिस की भारी सुरक्षा में ये दोनों महिलाएं भगवान अयप्पा के दर्शन को जा रही थीं. मगर भारी विरोध की वजह से उन्होंने वापस लौटने का निर्णय लिया. 

केरल के आईजी ने कहा कि हमने महिला श्रद्धालुओं को परिस्थिति से अवगत कराया. अब वे वापस लौट रही हैं. बता दें कि पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा सबरीमाला मंदिर से अब वापस लौट रही हैं. 
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- प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं का रास्ता रोका. प्रदर्शनकारियों के साथ पुजारी भी अब प्रदर्शन कर रहे हैं.  वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रही है.
  - एहतियातन पुलिस ने महिला पत्रकार को हेलमेट पहनाया है. ताकि मंदिर की ओर जाते वक्त प्रदर्शन में कोई अप्रिय घटना न हो. 

-सबरीमाला मंदिर के करीब 25 जूनियर पुजारी भगवान अयप्पा के पवित्र स्थल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

-सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) खुलने के बाद से अब तक एक भी 10 से 50 साल की महिला भगवान अयप्पा का दर्शन नहीं कर पाई हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत दे दी थी. 

- देवासम बोर्ड के मंत्री कदमकपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा देना अहम है. मगर मैं समझता हूं कि ये कार्यकर्ता हैं जो मंदिर में जाने की कोशिश कर रही हैं. सरकार तय भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि यह कार्यकर्ता हैं या आम लोग. उन्होंने कहा कि खुद को साबित करने के लिए सरकार कार्यकर्ताओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं देगी. 

- भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए जा रहीं दोनों महिलाएं मंदिर से कुछ कदम की दूरी पर हैं. प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक दिया है. 

आईजी एस श्रीजीत ने श्रद्धालुओँ से कहा कि सबरीमाला में पुलिस कोई विवाद क्रिएट नहीं चाहते. हम श्रद्धालुओं से टकराव नहीं करना चाहते. हम सिर्फ कानून का पालन कर रहे हैं. मैं उच्च अधिकारियों से इस पर चर्चा करूंगा और परिस्थिति से अवगत कराऊंगा.
- पुलिस के आईजी का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वह लागू करके रहेंगे. 

- दोनों महिलाएं सुरक्षा घेरे में आगे बढ़ रही हैं और मंदिर से महज कुछ दूरी तक पहुंच गई हैं. 

-सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) से 10 मिनट की दूरी पर पहुंच गई हैं दोनों महिलाएं, प्रदर्शनकारियों का कर रही हैं सामना

- भारी सुरक्षा के बीच हैदराबाद की महिला पत्रकार सबरीमाला पहाड़ी की चढ़ाई चढ़ रही है. - प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध के बीच 10 से 50 साल की उम्र की दो महिलाएं सबरीमला मंदिर की ओर बढ़ रही हैं. दोनों महिलाएं अलग-अलग भारी पुलिस सुरक्षा के बीच आगे बढ़ रही हैं. इनमें से एक महिला हैदराबाद की पत्रकार हैं और एक महिला श्रद्धालु. इससे पहले कल न्यूयॉर्क टाइम्स की एक पत्रकार को मंदिर में घुसने से रोक दिया गया था.

-हैदराबाद की एक महिला पत्रकार ने शुक्रवार को सबरीमला पहाड़ी की चढ़ाई शुरू कर दी. विदेशी मीडिया संगठन के लिए काम करने वाली दिल्ली की पत्रकार के मंदिर में दर्शन करने में विफल रहने के एक दिन बाद एक अन्य महिला ने चढ़ाई शुरू की है.

-पुलिस ने महिला को सुरक्षा मुहैया कराई है. महिला ने अपने पेशेवर काम के सिलसिले में सबरीमला सन्निधानम जाने के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया था.

- महिला की उम्र लगभग 25 वर्ष है और अगर वह सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर में जाने वाली माहवारी उम्र की पहली महिला होगी. उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर के अपने फैसले में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी.  

-इस बीच आज तीसरे दिन भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर गतिरोध बरकरार है... भारी तादाद में प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं, जो पुलिस की भारी तैनाती के बाद भी महिलाओं को रोक रहे हैं, डरा-धमका रहे हैं... चार बेस कैंप इलाक़ों में धारा 144 का भी कोई असर नहीं दिख रहा है... 

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर संग्राम, आज बंद का ऐलान, इलाके में धारा 144 लागू

गुरुवार को नई दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते में रोक दिया था. अपने विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ गई पत्रकार विरोध बढ़ने के मद्देनजर मराकोट्टम इलाके से वापस लौट गई थी. उन श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने महिला पत्रकार को कथित तौर पर चढ़ाई से रोका और उसे नीचे उतरने के लिए मजबूर किया. 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में 10 से 50 साल की महिलाओं को अब तक प्रवेश नहीं मिला है. मंदिर जा रही कई महिलाओं को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. भारी विरोध को देखते हुए अब महिलाएं भी वापस घर लौट रही हैं. 4 जगहों पर धारा 144 के बावजूद पुलिस लाचार दिख रही है. 

वहीं, इससे पहले सबरीमाला (सबरीमला) के मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने गुरुवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि पूजा अर्चना के लिए एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने पर इस मंदिर को तंत्री परिवार द्वारा बंद कर देने की योजना है. राजीवारू ने सोशल मीडिया पर इस बारे में कुछ खबरों व्यापक रूप से साझा किए जाने के बाद मंदिर परिसर, सन्निधानम में यह कहा. हालांकि, मुख्य पुजारी ने 10 से 50 आयुवर्ग की महिलाओं से सन्निधानम नहीं आने और समस्या नहीं पैदा करने की अपील की.

VIDEO: सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश का अब भी विरोध
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