यह ख़बर 24 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सत्य साईं बाबा का निधन, भक्तों में शोक की लहर

खास बातें

  • प्रधानमंत्री समेत कई विशिष्ट हस्तियों ने साईं बाबा को ऐसा आध्यात्मिक नेता बताया, जिन्होंने लोगों को नैतिक और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
पुट्टपर्थी:

दुनियाभर में अपना आध्यात्मिक प्रभाव फैलाने वाले श्री सत्य साईं बाबा का रविवार सुबह आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में हृदय और श्वसन तंत्र के निष्क्रिय होने के चलते निधन हो गया। वह पिछले एक महीने से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। आध्यात्मिक प्रभाव के साथ ही विवादों में भी रहे सत्य साईं बाबा ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पुट्टपर्थी कस्बे में खुद के स्थापित श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेस में सुबह 7.40 बजे अंतिम सांस ली। संस्थान के निदेशक एएन सफाया ने कहा, भगवान श्री सत्य साईं बाबा का पार्थिव शरीर सोमवार और मंगलवार, दो दिन तक साईं कुलवंत हॉल में रखा जाएगा और रविवार शाम छह बजे के बाद भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। बाबा के पार्थिव शरीर को हिन्दू परंपराओं में दाह संस्कार के विपरीत बुधवार को 'प्रशांति निलयम' में समाधिस्थ किया जाएगा। प्रदेश की भारी उद्योग मंत्री  गीता रेड्डी ने कहा कि बाबा के परिवार और श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के सदस्यों ने फैसला किया है कि बुधवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को समाधिस्थ किया जाएगा। सही समय बाद में घोषित किया जाएगा। वर्ष 1926 में एक सामान्य परिवार में जन्मे सत्यनारायण राजू अपने चमत्कारों और आध्यात्मिक ज्ञान से सत्य साईं के रूप में प्रसिद्ध हुए और भारत की सर्वाधिक लोकप्रिय आध्यात्मिक शख्सियत बन गए। उन्होंने हाथ हिलाकर विभूति और लिंगम् जैसी चीजें प्रकट करने के भी चमत्कार किए। स्वयं को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताने वाले सत्य साईं को हृदय और श्वसन संबंधी समस्याओं के बाद 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके अनेक अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। बाबा को वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी किडनियों ने काम करना बंद कर दिया और कुछ दिन पहले यकृत के भी निष्क्रिय होने के बाद उनका स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ गया। श्री सत्य साईं बाबा के करीब 40 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति वाले ट्रस्ट के प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि पिछले दो हफ्ते से यहां डेरा जमाए रेड्डी ने कहा कि ट्रस्ट की गतिविधियों को लेकर कोई विवाद नहीं है। रेड्डी ने कहा, मैंने कोई विवाद नहीं देखा। यह केवल मीडिया की बनाई हुई बात है। ट्रस्ट की गतिविधियां सामान्य तरह से चलेंगी। साईं बाबा ने सब चीजें व्यवस्थित कर रखी हैं। उन्होंने हर चीज का ध्यान रखा। उन्हें पता था कि वह अपना शरीर कब छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, बाबा ने सभी चीजें, सभी मिशनरियों के प्रभार की व्यवस्था बनाई थी। उनकी गतिविधियां वैसी ही चलती रहेंगी। हमें ट्रस्ट के संचालन को लेकर किसी तरह के मतभेद का संदेह नहीं है। हैदराबाद से 450 किलोमीटर दूर पुट्टपर्थी में साईं बाबा के देहावसान की खबर के बाद निराशा का माहौल छा गया। इससे पहले उनका स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने की खबर सुनकर उनके परिजन, आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकारी अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। साईं बाबा के निधन की औपचारिक घोषणा से पहले ही और उनकी तबीयत और अधिक बिगड़ने की खबरों के बाद सुबह से ही पुट्टपर्थी में पूरी तरह बंद का नजारा था।


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