यह ख़बर 03 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

विकास के नाम पर महंगाई ठीक नहीं : यशवंत

खास बातें

  • लोकसभा में नियम 184 के तहत महंगाई पर चर्चा जारी है। इसमें बहस के बाद वॉयस वोटिंग होगी।
नई दिल्ली:

लोकसभा में नियम 184 के तहत महंगाई पर चर्चा जारी है। इसमें बहस के बाद वॉयस वोटिंग होगी।   बहस की शुरुआत करते हुए बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि महंगाई पर सिर्फ चर्चा का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर 12वीं बार ये चर्चा हो रही है लेकिन आम आदमी को अब तक राहत नहीं मिली है। सिन्हा ने कहा कि विपक्ष का मकसद महंगाई पर लगाम कसने के लिए सरकार पर दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि अगर विकास से महंगाई आती है तो फिर ऐसा विकास नहीं चाहिए। सिन्हा ने कहा कि थोड़ी बहुत महंगाई के साथ विकास मंज़ूर है लेकिन विकास के नाम पर महंगाई को सही ठहराना मंज़ूर नहीं है। लोकसभा में महंगाई पर बोलते हुए बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इसकी सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में पांच करोड़ लोग और गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। सिन्हा ने कहा कि खाने−पीने की चीजों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि बीते तीन सालों में 6 लाख करोड़ रुपये ज्यादा खर्च हुए हैं यानी आम आदमी को घर का चूल्हा जलाए रखने के लिए जेब से ज्यादा पैसे निकालने पड़े हैं। सिन्हा ने कहा कि महंगाई गरीबों पर लगने वाले सबसे बुरा टैक्स होता है। महंगाई पर सरकार को घेरते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार चाहे तो दो महीने में महंगाई पर लगाम लगा सकती है। उन्होंने कहा कि आज संसद से देश की जनता के बीच ये संदेश जाना चाहिए कि दो महीने में सरकार महंगाई पर काबू पा लेगी और इसके लिए कल से ही उपाय शुरू किए जाएं। उन्होंने देश में बंपर कृषि उत्पादन हो रहा है लेकिन छह करोड़ टन अनाज सरकारी गोदामों में रखा गया है। सरकार सरकारी गोदामों से अनाज बाहर निकाले तो खुले बाज़ार में इसकी कीमत ज़रूर गिरेगी लेकिन सरकार घाटे के डर से ऐसा नहीं कर रही है। सिन्हा ने कहा कि क्या लोग भूखों मरे और सरकार सिर्फ नुकसान की चिंता करती रहे बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार को संसद की आवाज़ सुननी चाहिए और महंगाई रोकने के उपायों पर अमल करना चाहिए। दरअसल, संसद चलाने को लेकर सरकार और विपक्ष में आखिरकार डील हुई थी। मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी कोई कामकाज न होने के बाद सरकार ने महंगाई पर चर्चा और फिर मतदान की विपक्ष की मांग मान ली थी।  मंगलवार को बीजेपी और एनडीए के घटक दलों ने प्रश्नकाल स्थगित कर महंगाई पर विशेष चर्चा की मांग की थी। विपक्ष ने लोकसभा में नियम 184 के तहत और राज्यसभा में नियम 167 के तहत चर्चा की मांग की थी। इन दोनों नियमों के तहत बहस के बाद वोटिंग की व्यवस्था है। महंगाई पर चर्चा का जवाब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देंगे।


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