यह ख़बर 14 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रोहतक : सतलोक आश्रम के दरवाजे खुले, 1000 लोग बाहर आए, 500 अभी भी हैं जमे

खास बातें

  • समझौते के बाद आश्रम के दरवाज़े खोल दिए गए और क़रीब हज़ार लोग बाहर आ गए लेकिन कम से कम 500 लोग आश्रम के भीतर अब भी जमे हुए हैं।
रोहतक:

रोहतक में जहां प्रशासन यह दावा कर रहा है कि तीन दिन से चला आ रहा संकट टल गया है। मंगलवार को प्रशासन और आश्रम के लोगों के बीच कई दौर तक बातचीत चली।

समझौते के बाद आश्रम के दरवाज़े खोल दिए गए और क़रीब हज़ार लोग बाहर आ गए लेकिन कम से कम 500 लोग आश्रम के भीतर अब भी जमे हुए हैं।

इससे पहले प्रशासन और आश्रम समर्थकों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद समझौता हो गया। इसके बाद धीरे−धीरे लोग आश्रम से निकलने लगे।

बाबा रामपाल के सतलोक आश्रम के समर्थकों को बसों में भरकर बाहर ले जाया गया। इससे पहले आश्रम में कम से कम डेढ़ हजार लोग डटे हुए थे। उधर, रविवार की हिंसा में मारे गए लोगों में से दो के शवों को लेकर स्थानीय गांववाले धरने पर बैठे थे। उनका कहना था कि जब तक आश्रम खाली नहीं कराया जाता तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसके बाद प्रशासन ने आश्रम के लोगों से बात की और उन्हें आश्रम खाली करने के लिए राजी कर लिया।

इससे पूर्व करौंथा में व्याप्त हालात के मद्देनजर रोहतक के उपायुक्त विकास गुप्ता ने भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए तत्काल आश्रम को खाली कराने का आदेश दिया था।

रामपाल के सतलोक आश्रम को लेकर विवाद रविवार को हिंसक हो गया था जब पुलिस ने आश्रम की ओर बढ़ रहे आर्य प्रतिनिधि सभा के कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया।

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रविवार को भड़के संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 पुलिसकर्मी समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इलाके में पिछले कुछ समय से तनाव व्याप्त है। आर्य समाज के लोगों का दावा है कि आश्रम पर रामपाल का मालिकाना हक गैरकानूनी है।