फाइल फोटो : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों या उनके परिवारों के मेडिकल बिल की जानकारी RTI के जरिए सार्वजनिक नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के जजों के मेडिकल बिलों की जानकारी को RTI के जरिए दिए जाने की मांग करती याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने यह बात कही।
चीफ जस्टिस एच.एल दत्तू ने कहा कि ''आपको जजों की निजता का सम्मान करना चाहिए। अगर मेडिकल बिल और दवाओं की लिस्ट दी जाती है तो कोई भी जज की बीमारी का पता लगा सकता है। फिर ये मामला कहां तक चलेगा। इससे लोगों में गलत संदेश जाएगा। इसलिए जजों या उनके परिवार की जानकारी RTI के जरिए नहीं दी जा सकती।''
एक्टिविस्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल की ओर से बहस करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वो सिर्फ ये जानना चाहते हैं कि पिछले तीन वर्षों में इस संबंध में कितना खर्च आया। हर नागरिक को यह जानने का हक़ है कि यह पैसे कैसे खर्च किए गए। अगर कोर्ट ये याचिका खारिज करता है तो गलत संदेश जाएगा।
इससे पहले याचिकाकर्ता ने मुख्य सूचना अधिकारी से गुहार लगाई थी, जिसमें आदेश जारी किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के मेडिकल बिलों की सूचना दी जाए, लेकिन बाद में दिल्ली हाइकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया। अग्रवाल ने हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।