बीफ बैन मामला : महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

बीफ बैन मामला : महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

सु्प्रीम कोर्ट का फाइल फोटो...

खास बातें

  • महाराष्ट्र के कुरैशी समाज ने महाराष्ट्र में बीफ बैन को चुनौती दी है.
  • कुछ गैर सरकारी संगठनों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
  • याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है.
नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र में बीफ बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्‍ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. महाराष्ट्र के कुरैशी समाज ने महाराष्ट्र में बीफ बैन को चुनौती दी है. वहीं कुछ गैर सरकारी संगठनों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जोकि बीफ पर पूरी तरह बैन चाहते हैं. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्‍यायालय ने नोटिस जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि 16 साल से बड़ी उम्र के बैल किसान के किसी काम के नहीं हैं. ऐसे में किसान उन्हें बेचकर पैसा भी कमा सकते हैं. इस पाबंदी से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं, इसलिए राज्य में 16 साल से ऊपर के बैलों की स्‍लॉटरिंग की इजाजत दी जाए. याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है.

इससे पहले बीफ बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था. बॉम्‍बे हाईकोर्ट के बीफ खाने की इजाजत के फैसले के खिलाफ अखिल भारतीय कृषि गोसेवा संघ की याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. महाराष्ट्र में जारी बीफ बैन पर बड़ा फैसला सुनाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने जुलाई बीफ पर पाबंदी जारी रहने का फैसला दिया था, लेकिन बीफ खाने पर लगी पाबंदी को उठाते हुए अन्य राज्यों से महाराष्ट्र में बीफ लाकर बेचने की इजाजत दे दी थी.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 'राज्य में बीफ पर पाबंदी जारी रहेगी, लेकिन बाहर के राज्यों से (जिन राज्यों में इसकी इजाजत है) महाराष्ट्र में बीफ लाया जा सकता है और लोग बीफ खा भी सकते हैं। बीफ रखने वालों को सारे सबूत हमेशा रखने होंगे, जिससे कभी कोई शिकायत आए तो वो खुद को निर्दोष साबित कर सकें. ऐसे में उस व्यक्ति पर कानूनी कारवाई नहीं हो सकती है.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com