यह ख़बर 29 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

लालू की बस के बजाए नीतीश की साइकिल को अधिक पसंद कर रहे हैं स्कूल

खास बातें

  • सारण जिलाधिकारी कुंदन कुमार की पिछले सप्ताह जिले में स्थित स्कूलों के प्रधानाध्यापक के साथ बैठक के दौरान यह तथ्य सामने आया है। बैठक में 50 प्रधानाध्यापकों में से केवल चार ने लालू द्वारा अपनी सांसद निधि से बच्चों को स्कूल जाने के लिए दी गए बस को स्वीकार कर
पटना:

बिहार के सारण जिले के स्कूल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा उनकी सांसद निधि से खरीद कर दी गई बसों की बजाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिली साइकिल को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

सारण जिलाधिकारी कुंदन कुमार की पिछले सप्ताह जिले में स्थित स्कूलों के प्रधानाध्यापक के साथ बैठक के दौरान यह तथ्य सामने आया है। बैठक में 50 प्रधानाध्यापकों में से केवल चार ने लालू द्वारा अपनी सांसद निधि से बच्चों को स्कूल जाने के लिए दी गए बस को स्वीकार करने पर सहमति दी।

जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्व में कुछ प्रधानाध्यापकों ने अपने स्कूल के बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए बस लेने को लेकर सहमति जताई थी, पर अब ऐसी 70 बसों में से केवल 20 बसों को लेने के प्रति स्कूलों ने सहमति जताई है।

माध्यमिक स्कूल शिक्षक संघ के सचिव राजाजी राजेश ने बताया कि अधिकांश प्रधानाध्यापकों ने कहा कि मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत बच्चों को मुफ्त साइकिल मिल रही है, ऐसे में वैसी बसों की क्या आवश्यकता है जिनके परिचालन और रखरखाव पर अतिरिक्त खर्च आएगा।

राजेश ने कहा कि बैठक के दौरान प्रधानाध्यापकों ने बच्चों के अभिभावकों की राय का हवाला देते हुए कहा है कि बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए उपलब्ध करायी जाने वाली बसों के परिचालन और उनके रखरखाव पर आने वाले खर्च को कोई भी अभिभावक वहन करने को तैयार नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकांश स्कूलों में बसों को रखने की जगह नहीं है और उनकी सुरक्षा भी एक समस्या है।

उल्लेखनीय है कि स्कूली बच्चों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साइकिल योजना की आलोचना करते हुए उनके विरोधी और छपरा से सांसद लालू प्रसाद ने अपनी सांसद निधि से सारण जिले के स्कूलों में बस उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जिसके बाद 8.18 करोड़ रुपये की लागत से कुल 70 बसें खरीदी गई थीं।

राजेश ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं के कहने पर राजद सुप्रीमो ने ये बसें बिना स्कूल प्रबंधन के साथ विचार-विमर्श किए उपलब्ध करा दीं और जब स्कूल प्रधानाध्यापकों को उसे लेने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत कराया। सारण के जिलाधिकारी ने बताया कि बाकी बसों को अन्य संस्थाओं को दिए जाने या फिर उन्हें इस्तेमाल के लिए पड़ोसी जिलों को भेजे जाने की अनुमति देने के लिए उन्होंने सांसद (लालू प्रसाद) को पत्र लिखा है।

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उन्होंने कहा कि सांसद के जवाब के आधार पर बाकी बसों के बारे में निर्णय किया जाएगा।