बंदर से मनुष्य के रूप में विकास के डार्विन के सिद्धांत पर मंत्री के बयान से वैज्ञानिक असहमत

वैज्ञानिकों ने कहा, केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के चार्ल्स डार्विन विरोधी बयान का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं

बंदर से मनुष्य के रूप में विकास के डार्विन के सिद्धांत पर मंत्री के बयान से वैज्ञानिक असहमत

डार्विन के मानव के विकास के सिद्धांत को नकारने वाली केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह की टिप्पणी से वैज्ञानिकों ने असहमति जताई है.

खास बातें

  • वैज्ञानिकों ने कहा, पाठ्यक्रम में बदलाव पीछे ले जाने वाला कदम होगा
  • तीन विज्ञान अकादमियों के वैज्ञानिकों ने कहा मंत्री का बयान आधारहीन
  • सत्यपाल सिंह ने कहा था बंदर को मानव में बदलते किसी ने नहीं देखा
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह द्वारा चार्ल्स डार्विन की मनुष्य की उत्पत्ति से जुड़े सिद्धांत पर की गई टिप्पणी पर भारतीय वैज्ञानिकों ने असहमति जताई है.

मंत्री ने डार्विन की इस थ्योरी को ‘‘वैज्ञानिक तरीके से गलत’’बताया था जिस पर भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने यह बयान बिनी किसी वैज्ञानिक आधार के दिया है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने मंत्री की उस मांग पर भी विरोध जताया है जिसमें स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाने की बात कही गई है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि ऐसा कोई भी कदम पीछे की ओर ले जाने वाला कदम होगा.

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मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि डार्विन द्वारा दिया गया विकास का सिद्धांत गलत था क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इसका कहीं भी जिक्र नहीं किया है कि उन्होंने एक बंदर को मानव में बदलते हुए देखा था.

उन्होंने कहा था कि डार्विन का सिद्धांत (मनुष्य का क्रमिक विकास) वैज्ञानिक दृष्टि से गलत है. इसे स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में बदला जाना चाहिए. मनुष्य को जब से धरती पर देखा गया वह मनुष्य ही था. उन्होंने कहा था , ‘‘हमारे पूर्वजों समेत किसी ने भी लिखित या मौखिक तौर पर नहीं कहा कि उन्होंने एक वानर को मानव में बदलते हुए देखा. हमने जो भी किताबें पढ़ी हैं या दादी-नानी द्वारा हमें सुनाई गई कहानियों में कहीं भी इसका जिक्र नहीं मिलता है.’’

VIDEO : किसी ने बंदर को इंसान बनते हुए नहीं देखा

सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत की तीन विज्ञान अकादमियों के वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘‘मंत्री के बयान का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है.” वैज्ञानिकों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “क्रमिक विकास का सिद्धांत जिसके जरिए डार्विन ने अत्यंत प्रभावशाली योगदान दिए हैं, वह सर्वमान्य है. क्रमिक विकास के मूल तथ्यों में किसी तरह का वैज्ञानिक विवाद नहीं है. यह एक ऐसा वैज्ञानिक सिद्धांत है जिसने कई भविष्यवाणियां की हैं जिनकी बार-बार प्रयोगों और अवलोकनों के जरिए पुष्टि हुई है.’’
(इनपुट भाषा से)


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