उत्तर प्रदेश में मीट कारोबारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन, पहले दिन करोड़ों का हुआ नुकसान

उत्तर प्रदेश में मीट कारोबारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन, पहले दिन करोड़ों का हुआ नुकसान

यूपी में मीट विक्रेताओं की हड़ताल का दूसरा दिन

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कुछ और इलाकों में मीट कारोबारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. योगी सरकार के सत्ता में आते ही कई बूचड़खाने बंद करा दिए गए हैं, जिसके विरोध में मीट कारोबारी हड़ताल पर हैं. इससे पहले सोमवार को हड़ताल के पहले दिन मीट कारोबार को सैकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ. लखनऊ समेत तमाम जिलों में मीट की जबरदस्त किल्लत हो गई. सरकार ने सिर्फ बिना लाइसेंस वाले बूचड़खाने बंद करने का आदेश दिया है, लेकिन उत्साह में पुलिस ने दर्जनों ज़िलों में मछली और चिकन की बिक्री बंद करा दी है.

अवैध बूचड़खाने बंद करने के राज्य सरकार के फैसले से 15,000 करोड़ रुपये का मांस कारोबार और इसमें लगे 25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इस मुद्दे पर सोमवार को संसद में गर्मागर्म बहस भी हुई और केंद्र सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करवाया जा रहा है. मांस विक्रेताओं ने कहा कि बूचड़खानों को बंद करवाए जाने से मांस की आपूर्ति में कमी आई है. लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मंडल के मुबीन कुरैशी ने पत्रकारों से कहा, "हमने अपनी हड़ताल तेज करने का फैसला लिया है. सभी मांस की दुकानें बंद रहेंगी. बूचड़खानों को बंद करवाए जाने से लाखों लोगों के सामने आजीविका का संकट आ खड़ा हुआ है.राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में मांस की दुकानें तो खुली मिलीं, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि उनकी आमदनी पहले से आधी रह गई है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि कार्रवाई सिर्फ अवैध बूचड़खानों पर हो रही है, लाइसेंस वाले बूचड़खाने चलाने वालों को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवैध बूचड़खाने चल रहे थे. (इनपुट्स आईएएनएस से)


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