पीएम मोदी के साथ चल रही भीड़ में शामिल थे आईबी के 600 लोग, 50 शार्पशूटरों की थी नजर

बहादुरशाह जफर मार्ग और आसपास के इलाके में शार्पशूटर तैनात किये गये थे जो भीड़ पर नजर रखे हुये थे.

पीएम मोदी के साथ चल रही भीड़ में शामिल थे आईबी के 600 लोग, 50 शार्पशूटरों की थी नजर

अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में पीएम मोदी और अमित शाह पैदल चल कर स्मृति वन स्थल पहुंचे थे

खास बातें

  • 16 अगस्त को अटल जी का हुआ था निधन
  • पीएम मोदी और अमित शाह पैदल चलकर पहुंचे स्मृतिवन
  • अंतिम यात्रा में शामिल थे लाखों लोग
नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  की अंतिम यात्रा में जब पीएम मोदी ने आखिरी समय फैसला किया कि वह 'स्मृतिवन' तक पैदल जाना चाहते हैं तो सुरक्षा एजेंसियों के लिये बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई और आप जानकर हैरान होंगे कि उस लाखों की भीड़ के साथ जब पीएम मोदी और अमित शाह पैदल चल रहे थे तो उनके साथ आईबी के 600 लोग आसपास भी थे और 50 शार्पशूटर भी नजर गड़ाये हुये थे. इतना ही नहीं सादी वर्दी में दिल्ली पुलिस के जवान भी कार्यकर्ता के रूप उसी भीड़ में शामिल थे.  मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बीजेपी मुख्यालय में एसपीजी को बताया गया कि पीएम मोदी पैदल ही यह दूरी तय करेंगे और उनके साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी होंगे. तुरंत फैसला लिया गया और दिल्ली पुलिस के गुप्तचर तैनात कर दिये गये. सेना, अर्द्धसैनिक बलों की टीम ने एक दोनों ही नेताओं को अपने घेरे में ले लिया. आईबी (खुफिया) ने दिल्ली पुलिस के चुने हुये जवानों को सादी वर्दी और सफेद टोपी में कार्यकर्ताओं के तौर पर भीड़ में शामिल कराया गया. एसपीजी की एक स्पेशल टीम ने घेरा बनाकर दोनों नेताओं को उसके अंदर शामिल कर लिया. दिल्ली पुलिस के जवान जिनको सादी वर्दी में तैनात किया गया था उन्होंने एक मानव श्रृंखला बनाई जिसमें दोनों नेताओं के अलावा एसपीजी के जवान ही अंदर थे. एसपीजी ने स्मृति वन स्थल में सेना, नेवी और वायुसेना के जवानों को भी तैनात करा दिया.

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वहीं बहादुरशाह जफर मार्ग और आसपास के इलाके में शार्पशूटर तैनात किये गये थे जो भीड़ पर नजर रखे हुये थे. वहीं एसपीजी के कहने पर शहीदी पार्क के पास पीएम मोदी कुछ मिनट के लिये गाड़ी के अंदर भी आ गये थे. इसके बाद दरियागंज सिग्नल पर पीएम मोदी फिर गाड़ी से बाहर आ गये. 

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राष्ट्रीय स्मृति स्थल की सुरक्षा को भी पांचों भागों में बांटा गया था. जिसकी जिम्मेदारी डीसीपी रैंक के अफसरों को दी गई थी. इसके बाद 12 जोन में बांटकर एसीपी तैनात किये गये. फिर जोन को 65 सेक्टर में बांटा गया और इनकी जिम्मेदारी इंस्पेक्टरों को दी गई. कुल 14 एसीपी, 67 इंन्सपेक्टर, 233 उच्च और 1084 उसके नीचे का स्टाफ लगाया था.  दिल्ली पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों और रिजर्व पुलिस की 9 कंपनियां तैनात की गई थीं.

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कहां कौन था तैनात 
700 कमांडों एनएसजी, एसपीजी और स्वाट टीम के
30 टीमें पराक्रम की भीड़भाड़ वाले इलाके में.
650 जवान खुफिया के भीड़ के साथ
600 सीसीटीवी कैमरे पूरे रास्ते में 
3200 सुरक्षाकर्मी (दिल्ली पुलिस+स्पेशल सेल युनिट+लोकल पुलिस) बीजेपी मुख्यालय से स्मृतिवन स्थल तक.
50 शार्प शूटर आसपास के इलाके में तैनात किये गये थे.

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