शिवसेना-बीजेपी में विवाद सुलझने के आसार कम, उद्धव ने बीजेपी की पहल पर फेरा पानी

शिवसेना-बीजेपी में विवाद सुलझने के आसार कम, उद्धव ने बीजेपी की पहल पर फेरा पानी

उद्धव ठाकरे और सुधीर मुनगंटीवार।

खास बातें

  • वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात
  • उद्धव ने कहा, पता नहीं कब खत्म होगा विवाद
  • महाराष्ट्र सरकार की पौधरोपण मुहिम के बहाने मेलजोल
मुंबई:

बयानबाज़ी से शुरू हुआ शिवसेना-बीजेपी के बीच का विवाद सड़क पर उतर आया है और इसके थमने के फिलहाल आसार नहीं। माहौल को शांत करने के लिए बीजेपी कोशिश की पर शिवसेना की तरफ से पानी फेर दिया गया है।

बीजेपी ने बाघ का पुतला भेंट किया
गुरूवार को महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार की तरफ से शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को बाघ का पुतला भेंट दिया गया। यह कोशिश थी दोनों दलों के बीच सौहार्द बनाए रखने की। यह पहल महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित घर मातोश्री में जाकर की है। इस मौके पर दोनों नेताओं के बीच 80 मिनट बंद दरवाजे के पीछे बात हुई।

मुनगंटीवार ने कहा, कार्यकर्ता संयम बरतें
मुलाकात के बाद वित्तमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि आपस में अच्छे सम्बन्ध रहें इसकी कोशिश दोनों दलों से होती है। और यह व्यक्तिगत विषय है। वैसे कार्यकर्ताओं को संयम बरतना चाहिए।

शिवसेना का सकारात्मक प्रतिसाद नहीं
मुलाकात के लिए औपचारिक वजह थी महाराष्ट्र सरकार की पौधरोपण मुहिम। शुक्रवार से शुरू होने वाली इस मुहिम के शुभारम्भ के कार्यक्रम में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को बुलाया जाना था। वैसे इस बहाने से शिवसेना आलाकमान से मुलाकात की पहल तब हुई है जब शिवसेना के कार्यकर्ता बीजेपी के नेताओं की तस्वीरों पर जूते चला रहे हैं। लेकिन शिवसेना की तरफ से इस पहल को सकारात्मक प्रतिसाद मिलता नहीं दिख रहा।

 

जो ठीक है, वही बोल रहे हैं : ठाकरे
वित्तमंत्री के घर से रवाना कर देने के तुरंत बाद शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे केवल झगड़ने के लिए नहीं बोल रहे। राज्य के हितों के आड़े वे नहीं आएंगे। लेकिन, जो ठीक है वही वे बोल रहे हैं और वह जरूरी भी है। गठबंधन के बीच के विवाद पर संवाददाताओं से पूछे सवाल पर उद्धव ने दो टूक कहा कि पता नहीं गठबंधन के बीच का विवाद कब खत्म होगा।

गठबंधन में कटुता या नूरा कुश्ती!
शिवसेना पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय से हर दूसरे दिन बीजेपी के नेताओं पर होने वाली टिप्पणी को लेकर दोनों दलों में कटुता बरकरार है। इससे शुरू हुई बयानबाजी की लड़ाई अब सड़कों पर उतर आई है। जबकि, एक वर्ग का मानना है कि, यह महज नूरा कुश्ती है जो मुंबई महानगरपालिका के चुनाव तक जारी रहेगी। आगामी साल में मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं।

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