वीएचपी नेता अशोक सिंघल नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया दुख

वीएचपी नेता अशोक सिंघल नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया दुख

अशोक सिंघल का फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली:

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप नेता अशोक सिंघल का मंगलवार को गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए सिंघल (89) का हृदय गति रुकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। तोगड़िया खुद एक डॉक्टर हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई
आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि गहन सुरक्षा, सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी।

पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढ़ि‍यों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’ सिंघल के पार्थिव शरीर को रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा।
 


दिल्‍ली स्थित आरएसएस कार्यालय में होंगे अंतिम दर्शन
तोगड़िया ने बताया कि बुधवार को दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सकें। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। सिंघल के पार्थिव शरीर को रात में मध्य दिल्ली के झंडेवालान स्थित आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगिड़ि‍या ने कहा कि पार्थिव शरीर को बुधवार अपराह्न तीन बजे तक वहां रखा जाएगा ताकि लोग उसे श्रद्धांजलि दे सकें ,जिसके बाद यहां निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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सिंघल 1942 में जुड़े आरएसएस से
आगरा में दो अक्टूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे लेकिन स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।