अगले 2 सप्ताह में कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करना है : सीरम इंस्टिट्यूट

पीएम मोदी ने आज कोरोना वैक्सीन से जुड़े कार्यों की समीक्षा के लिए तीन शहरों के दौरे के तहत अपने आखिरी पड़ाव पर पुणे पहुंचे. यहां पीएम मोदी सीरम इंस्टिट्यूट पहुंचे. सीरम इंस्टिट्यूट कोरोना वैक्सीन ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका के साथ मिलकर बना रही है.

अगले 2 सप्ताह में कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करना है : सीरम इंस्टिट्यूट

पुणे:

केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि वह जुलाई तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University ) और ड्रगमेकर एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोना वायरस वैक्सीन (Covid Vaccine) की 300 से 400 मिलियन खुराक चाहती है. सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला CEO (Adar Poonawalla) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद कहा.

कोरोना वायरस वैक्सीन पर हो रही प्रगति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi)  के साथ शनिवार को हुई चर्चा के बारे में अदार पूनावाला ने कहा है कि पीएम के साथ इम्प्लिमेंटेशन प्लान (क्रियान्वयन योजना) पर चर्चा हुई.

अदार पूनावाला ने कहा, "अब तक, हमारे पास भारत सरकार की तरफ से लिखित में कुछ भी नहीं है कि वे कितनी खुराक खरीदेंगे लेकिन संकेत है कि यह जुलाई, 2021 तक 300-400 मिलियन खुराक होगी." उन्होंने आगे कहा, "हम आपातकालीन उपयोग के लिए अगले दो हफ्तों में आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं,"

यह भी पढ़ें- तीन शहरों के वैक्सीन दौरे पर निकले पीएम मोदी गुजरात, हैदराबाद के बाद पुणे पहुंचे

बता दें कि पीएम मोदी ने आज कोरोना वैक्सीन से जुड़े कार्यों की समीक्षा के लिए तीन शहरों के दौरे के तहत अपने आखिरी पड़ाव पर पुणे पहुंचे. यहां पीएम मोदी सीरम इंस्टिट्यूट पहुंचे. सीरम इंस्टिट्यूट कोरोना वैक्सीन ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका के साथ मिलकर बना रही है.

पीएम मोदी ने अपने तीन-शहरों के वैक्सीन दौरे की शुरुआत गुजरात के फार्मा प्रमुख जायडस कैडिला के संयंत्र की यात्रा के साथ की, फिर उन्होंने हैदराबाद के लिए उड़ान भरी, जहां उन्होंने भारत बायोटेक का दौरा किया, जो कोवाक्सिन पर काम कर रहा है, और अंत में पुणे के लिए रवाना हुए जहां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जो ऑक्सफोर्ड आधारित वैक्सीन का उत्पादन करेगा.

टीके की प्रभावकारिता और सुरक्षा के बारे में आश्वस्त करते हुए, पूनावाला ने कहा, "इस समय प्रभावकारिता के लिए परीक्षण पर्याप्त से अधिक थे. हम 18 साल से कम उम्र के बाद के समूह में परीक्षण करने पर विचार कर सकते हैं."

उन्होंने आगे कहा, "हम प्रति माह 50-60 मिलियन खुराक का निर्माण कर रहे हैं। जनवरी के बाद यह 100 मिलियन खुराक होगी."

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