शाहीन बाग मामला : विरोध प्रदर्शन में बच्चे क्यों लाए जा रहे? दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के डीएम को नोटिस

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जारी किया नोटिस, दस दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया

शाहीन बाग मामला : विरोध प्रदर्शन में बच्चे क्यों लाए जा रहे? दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के डीएम को नोटिस

शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन करती हुईं महिलाएं (फाइल फोटो).

खास बातें

  • आयोग ने कहा है कि बच्चों में गलतफहमी पैदा कर प्रोटेस्ट में लाया जा रहा
  • बच्चों से कहा जा रहा, प्रधानमंत्री नागरिकता के दस्तावेज मांगेंगे
  • दस्तावेज नहीं हुए तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा
नई दिल्ली:

शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी कि नेशनल कमीशन फ़ॉर प्रॉटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट ( NCPCR) ने नोटिस जारी किया है. यह नोटिस दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के डीएम को भेजा गया है. नोटिस का जवाब 10 दिन के अंदर देने के लिए कहा गया है. आयोग ने शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में बच्चों को शामिल करने को लेकर आपत्ति जताई है. आयोग ने कहा है कि बच्चों में गलतफहमी पैदा कर उन्हें प्रोटेस्ट में शामिल करने के लिए लाया जा रहा है. उन्हें मेंटल ट्रामा हो सकता है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि ऐसे बच्चों की पहचान करके प्रशासन उनकी काउंसिलिंग कराए. एक शिकायत मिलने के बाद एनसीपीसीआर ने यह नोटिस जारी किया है. शिकायत में कहा गया है कि बच्चों के घर वाले उन्हें यह बताकर प्रोटेस्ट में ला रहे हैं कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री उनकी नागरिकता के दस्तावेज मांगेंगे. दस्तावेज नहीं हुए तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा और उन्हें कपड़े और खाना भी नहीं मिलेगा.

आयोग ने नोटिस में कहा कि डीएम वहां के चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर और पुलिस चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर को जरूरी दिशानिर्देश जारी करें और बच्चों की पहचान कर उनके घरवालों की भी कॉउंसलिंग कराएं. जरूरी हो तो बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया जाए.

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