शनि मंदिर आंदोलन चला रही भूमाता ब्रिगेड में फूट पड़ी, तीन सदस्य निष्कासित

शनि मंदिर आंदोलन चला रही भूमाता ब्रिगेड में फूट पड़ी, तीन सदस्य निष्कासित

महाराष्ट्र के अहमदनगर का शनि मंदिर

पुणे:

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में लैंगिक भेदभाव खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहीं महिलाओं के संगठन में फूट पड़ती नजर आ रही है। भूमाता ब्रिगेड नाम के इस संगठन ने अपनी तीन महत्वपूर्ण सदस्यों को निष्कासित कर दिया है। भूमाता ब्रिगेड तब सुखिर्यों में आई थी जब इसकी सदस्यों ने सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ने और महिलाओं के लिए मंदिर के प्रतिबंधित हिस्से में प्रवेश के लिए 26 जनवरी को एक मार्च निकाली थी। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने उनके मंदिर में घुसने के प्रयासों को विफल कर दिया था।

'हाशिए पर महसूस कर रही थीं'
संगठन की अध्यक्ष त्रुप्ति देसाई ने संगठन के हितों के ‘खिलाफ जाने पर’उपाध्यक्ष सहित तीन सक्रिय सदस्यों को निष्कासित कर दिया। इस फैसले की पुष्टि करते हुए देसाई ने कहा है कि उन्होंने उपाध्यक्ष पुष्पक केवाडकर सहित तीन सदस्यों को निष्कासित कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि उनकी सहयोगियों ने उनसे अलग होने का रास्ता क्यों चुना, देसाई ने कहा कि वे खुद को ‘हाशिए पर महसूस कर रही थीं क्योंकि अध्यक्ष होने के नाते मीडिया का फोकस आंदोलन के दौरान मुझ पर रहा ।’

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अपनी बात पूरी करते हुए देसाई ने कहा कि ब्रिगेड में 4,000 से अधिक सदस्य-कार्यकर्ता हैं और घटनाक्रम से हमारे कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा । निष्कासित सदस्यों में केवाडकर के अतिरिक्त प्रियंका जगतप (प्रवक्ता) और दुर्गा शुक्रे शामिल हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुखिर्यों में आए मंदिर आंदोलन में ये तीनों अग्रिम मोर्चे पर थीं। देसाई ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगी।