यह ख़बर 07 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के लिए कांग्रेस के दैनिक ने साधा थरूर पर निशाना

फाइल फोटो

तिरुवनंतपुरम:

केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को केरल में कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ बंद करने या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने के लिए कहे जाने के एक ही दिन बाद ही कांग्रेस के एक दैनिक ने उन पर हमला बोलते हुए संगठन के प्रति उनकी वफादारी पर संदेह जताया है।

कांग्रेस दैनिक ‘वीक्षणम’ में लिखे कटाक्षपूर्ण संपादकीय में किसी का नाम लिया बिना कहा गया है कि जो लोग सोशल मीडिया के जरिये मोदी को ‘प्रेम पत्र’ लिखते हैं और संपादकीय पन्नों पर खुशामद से भरे लेख लिखते हैं, उनकी वफादारी पर संदेह किया जाएगा।

इस लेख में विदेश नीति के मुद्दों पर थरूर की विशेषज्ञता के कई संदर्भ परोक्ष रूप से शामिल किए गए हैं। लेख का अंत मलयालम की एक कहावत के साथ किया गया है, कि ‘‘कोई पेड़ यदि घर के लिए खतरा बन गया हो तो उसे गिरा देना चाहिए, फिर चाहे उस पर सोना ही क्यों न उगता हो।

संपादकीय में कहा गया कि यह बेहद अजीब है कि कांग्रेस के प्रवक्ता के तौर पर अधिकृत व्यक्ति मोदी की प्रशंसा कर रहा है। लेख में कहा गया, कांग्रेस के खेमे में बैठकर भाजपा द्वारा ‘कैंपस सलेक्शन’ चाहना स्पष्ट तौर पर विश्वासघात के अलावा और कुछ नहीं है। थरूर के खिलाफ हमला बोलते हुए केरल में कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें मोदी की तारीफ करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने थरूर से यह भी कहा था कि यदि वे पार्टी लाइन के अनुरूप चलने से मना करेंगे तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

केरल की राजधानी से दूसरी बार सांसद बने थरूर के प्रति कांग्रेसी नेताओं का यह तत्कालिक रोष दरअसल मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को थरूर की ओर से दी गई सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण है।

हालांकि थरूर ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें ‘कांग्रेस सदस्य होने का गर्व है’ और उन्होंने भाजपा के ‘हिन्दुत्व के एजेंडे’ को जरा भी प्रोत्साहित नहीं किया।

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अपना रुख स्पष्ट करते हुए थरूर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन नहीं किया और आज उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से अपील की है कि वह भारत में ‘कट्टरता और घृणा की सफाई’ के लिए काम करे, जिसके लिए महात्मा गांधी वास्तव में खड़े रहे।
उन्होंने ट्वीट किया, मैं भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय से अपील करता हूं कि वह एक ऐसे भारत के लिए काम करे, जो कट्टरता, घृणा, असहिष्णुता और भेदभाव से मुक्त हो। एक ऐसा भारत, जो कि वास्तव में साफ-सुथरा हो।