मंदी को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने बोला हमला, पीएम मोदी से पूछा, ''इस अर्थव्यवस्था को कौन बचाएगा''

इन दिनों भारत मंदी के भयंकर संकट से जूझ रहा है. ऑटो सेक्टर और टेक्सटाइल सेक्टर से लेकर तमाम क्षेत्रों में लाखों नौकरियां जा चुकी हैं

मंदी को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने बोला हमला, पीएम मोदी से पूछा, ''इस अर्थव्यवस्था को कौन बचाएगा''

शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी.

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की तारीफ की थी लेकिन देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने रविवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कई ट्वीट में देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''सर, स्पष्ट रूप से आर्थिक मंदी इस समय हर किसी के बात करने का मुद्दा है ... क्या आपको नहीं लगता कि हमें इसके बारे में कुछ करना चाहिए?" 

शत्रुघ्न सिन्हा ने एक के बाद एक कई ट्वीट की सीरीज में विस्तार से अपनी बात रखते हुए लिखा, ''वित्तीय संस्थान और बाजार संकट में हैं. निजी क्षेत्र के व्यवसायों में डर है. यहां तक ​कि आम लोग भी इस स्थिति से उबरने के लिए आपकी सरकार की ओर देख रहे हैं, जिसने अब तक कई प्रमुख क्षेत्रों और उद्योगों को प्रभावित किया है- कृषि से लेकर ऑटोमोबाइल, साबुन से लेकर शैंपू तक और कपड़ों से लेकर बिस्कुट तक. टेक्सटाइल, एविएशन, ऑटोमोबाइल, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस और कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में उत्पादन की कमी और छंटनी से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. इस मंदी के  के कारण बेरोजगारी की दर 6% से अधिक हो गई है, जो 45 सालों में सबसे ज्यादा है. 3 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हैं!''

एक अन्य ट्वीट में मंदी की मार झेल रहे पारले जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ''आर्थिक स्थिति का एक गंभीर प्रमाण पारले जी बिस्कुट है, जिसने उपभोक्ता मांग में गिरावट के कारण 10,000 से अधिक लोगों की छंटनी करने का निर्णय लिया है, जिसे हम सभी खाते हुए बड़े हुए हैं! ...कुकी वास्तव में चूर-चूर होने लगी है!

सिन्हा ने लिखा, ''इंडियन एविएशन इंडस्ट्री अपने सबसे खराब मंदी के दौर से गुजर रही है. ये स्नोबॉलिंग प्रभाव के सिर्फ निबल्स हैं. इस गड़बड़ी का कारण क्या है? नोटबंदी जीएसटी? नीतियां? हम विचार करते रहते हैं...लेकिन हम यह भी जानते हैं कि आप, माननीय प्रधानमंत्री महोदय, हीरो हैं. ''

उन्होंने लिखा, ''इस अर्थव्यवस्था को कौन बचाएगा...कृपया एक अस्थिर और संघर्षशील अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप / संरचनात्मक प्रोत्साहन पैकेज का प्रस्ताव रखें. यदि आप मानते हैं कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी सहायता करने के लिए देश भर के चैंपियन और मेरे जैसे लोग किसी भी तरह की सहायता कर सकते हैं, तो हमें बहुत खुशी होगी!

मुझे किशोर कुमार का एक बहुत ही लोकप्रिय गीत याद आ रहा है .... "आने वाला पाल, जाने वाला है, हो सके तो इसमें, ज़िंदगी बिता दो, पल जो ये जाने वाला है" ...अभी भी उम्मीद है, और हम जानते हैं कि यह बेहतर हो जाएगा!''
जय हिन्द!

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बता दें इन दिनों भारत मंदी के भयंकर संकट से जूझ रहा है. ऑटो सेक्टर और टेक्सटाइल सेक्टर से लेकर तमाम क्षेत्रों में लाखों नौकरियां जा चुकी हैं. 2018 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी 5.8 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछली तिमाही में 6.6 प्रतिशत थी.