यह ख़बर 09 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

शाजिया इल्मी थामेंगी 'बीजेपी का झाड़ू'

शाजिया इल्मी की फाइल तस्वीर (फोटो सौजन्य : पीटीआई)

नई दिल्ली:

दिल्ली बीजेपी ने स्वच्छता अभियान के नौ ब्रैंड अबेंसडर बनाए हैं। इन नौ रत्नों में से एक रत्न शाजिया इल्मी भी हैं। कभी चुनावों में आम आदमी पार्टी का झाड़ू इनके हाथों में हुआ करता था। लेकिन, अब वह बीजेपी की झाड़ू थामने की तैयारी कर रही हैं।  

दिल्ली बीजेपी और शाजिया इल्मी में कुछ पकने की खबर बहुत पहले से मिलती रही हैं। लेकिन, दिल्ली बीजेपी की कोशिश अंतिम समय तक यही रही कि शाजिया इल्मी के कार्यक्रम में आने की बात लीक न होने पाए। यही वजह थी कि बुधवार रात तक बीजेपी के एक नेता फोन पर इस बात पर काफी जोर दे रहे थे कि शाजिया इल्मी के स्वच्छता अभियान के ब्रैंड अंबेसडर बनाने की बात खबर न बने।

हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह भी हो सकता है कि बीजेपी को अंतिम समय तक शायद उम्मीद न रही हो कि शाजिया इल्मी यहां आएंगी। लेकिन, वह आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे चुकी हैं। आप पार्टी ने भी उनकी पार्टी में वापसी की ज्यादा कोशिश नहीं की। ऐसे में राजनीतिक विकल्प के तौर पर उनके सामने बीजेपी और कांग्रेस ही है।

कांग्रेस फिलहाल दिल्ली में चुनावी लड़ाई में सबसे कमजोर पार्टी दिख रही है, सो शाजिया इल्मी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को हवा मिली है।

खुद शाजिया इल्मी ने फिलहाल पार्टी में शामिल होने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि बीजेपी के अच्छे काम को सपोर्ट क्यों न किया जाए। लेकिन, यह समर्थन अपने इलाके में झाड़ू लगाकर और फोटो खिंचवा कर भी किया जा सकता है।

बीजेपी के नेताओं के साथ दूसरी राजनीतिक पृष्ठिभूमि के नेता का मंच साझा करना कुछ न कहकर भी बहुत कुछ कह जाता है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि किरन बेदी और शाजिया इल्मी का पार्टी ज्वाइन कराने का विरोध है इसलिए चाह कर भी बीजेपी एक बड़े धड़े को नाराज करने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है। इसी हां, न में पार्टी और खुद शाजिया इल्मी फंसी हैं।  
 
सफाई के दूत और कौन-कौन
शाजिया इल्मी के अलावा आठ दूसरे लोग भी हैं, इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर दिनेश सिंह, कुश्ती में नाम कमा चुके सुशील कुमार, कत्थक डांसर उमा शर्मा, डीयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित नागर, गायक शिवानी शर्मा, इस्लामिक सेंटर के हेड और बिजनेसमैन वाई एम कुरैशी, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल और बीजेपी के अपने व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल भी शामिल हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय वाइस चांसलर दिनेश सिंह, चार साल ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम को खत्म करने के मामले में सरकार से दो-दो हाथ कर चुके हैं लेकिन, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को इस मामले के चलते पहले ही हटा दिया गया था, अब यूनिवर्सिटी का एक धड़ा वाइस चांसलर दिनेश सिंह पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। ऐसे में उन्हें इस मंच पर देखना कोई ताज्जुब की बात नहीं है।

प्रवीण खंडेलवाल के अलावा बाकी दूसरे चेहरों को हम कांग्रेसी सरकार के कार्यक्रमों में भी अकसर देखते रहे हैं। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि दिल्ली में स्वच्छता अभियान की बहुत सारी अच्छी बातें दिख रही हैं।

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निगम के सफाई कर्मचारी वही हैं, लेकिन सड़कों या वीआईपी इलाकों के अलावा बहुत सारे इलाके भी साफ दिखने लगे हैं। बहुत सारे कर्मचारियों के हाथों में झाड़ू दिखने और लगने भी लगी है। पर इस सफाई अभियान को उन झुग्गियों में पहुंचाना बड़ी चुनौती है, जहां स्वच्छता अभियान अब भी इश्तहारों में ही नजर आ रहा है।