यह ख़बर 03 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पश्चिम बंगाल : गांव की 'अदालत' के फरमान पर थूक चाटने से इनकार करने वाली लड़की की नग्न लाश मिली

जलपाईगुड़ी में लड़की का शव रेल पटरियों के पास पड़ी मिली

जलपाईगुड़ी:

पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुडी गांव ने अपनी खुद की अदालत बनाकर एक किशोरी को थूक चाटने का आदेश दिया, जिसे मानने से किशोरी ने इनकार कर दिया, और मंगलवार सुबह उसकी नग्न लाश उसी के घर के करीब रेल की पटरियों पर पड़ी मिली। गांव की उस अदालत का नेतृत्व कथित रूप से राज्य में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस की महिला पार्षद कर रही थी।

किशोरी के परिवार ने पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में रेप और हत्या का आरोप लगाते हुए 13 लोगों को नामजद किया है, जिनमें उक्त महिला पार्षद नमिता रॉय के पति का नाम भी शामिल है। इनमें से तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

बताया जाता है कि इस किशोरी की उम्र लगभग 15 वर्ष थी, और उसे आखिरी बार उस समय विरोध करते हुए देखा गया था, जब 'सालिशी सभा' (गांव की खुद बनाई हुई अदालत) के आदेश पर उसके पिता की इस वजह से पिटाई की जा रही थी, क्योंकि वह खेती के लिए किराये पर लिए पॉवर टिलर का किराया नहीं चुका पाया था।

जब किशोरी ने गांववालों को उसके पिता को पीटने से रोका, तो 'अदालत' का गुस्सा उसकी तरफ घूम गया। किशोरी इस घटना के बाद अचानक लापता हो गई, और फिर कुछ ही घंटों के बाद उसकी लाश रेल की पटरियों के पास पड़ी मिली।

किशोरी की लाश सबसे पहले गणेश प्रसाद नामक व्यक्ति ने देखी, जिसने बताया, "सुबह 8:15 बजे मैंने एक लाश देखी... मैंने इससे पहले इस तरह का कुछ नहीं देखा था... अगर कोई ट्रेन के नीचे कुचला भी जाता है, तो उसके टुकड़े हो जाने के बावजूद बदन पर कपड़े होते हैं, लोकिन इस मामले में सिर्फ कंधे पर कपड़ा था..."

किशोरी को प्रताड़ित करने वाले गांववालों का दावा है कि किशोरी ने आत्महत्या की है, जबकि इसके विपरीत किशोरी के एक करीबी रिश्तेदार का कहना है कि गांववालों ने किशोरी को खुलेआम धमकी दी थी। उन्होंने बताया, "मेरे बहनोई को पीटा गया, और मेरी भान्जी ने उसका विरोध किया... उन्होंने (गांववालों ने) उसे धमकी दी... अगर उसने आत्महत्या की थी, तो उसके बदन पर कपड़े क्यों नहीं थे...? मुझे लगता है कि उन्होंने पहले उसके साथ रेप किया, फिर हत्या कर दी..."

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तृणमूल कांग्रेस ने मामले में किसी भी तरह का हाथ होने से इनकार किया है, लेकिन मामला राजनैतिक बन चुका है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी पार्टी माकपा के छात्र कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में विरोध-प्रदर्शनों का आह्वान किया है।